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भारत में सुरक्षित एवं पर्याप्‍त जल की उपलब्‍धता के लिए ‘सूत्रम फॉर इजी वाटर’ की शुरुआत

आईआईटीआर सहित आठ संस्‍थानों के साथ कार्य करेगा मद्रास आईआईटी

केंद्रीय मंत्री ने आईआईटी मद्रास में किया मिशन केंद्रों का उद्घाटन

 

लखनऊ। गणतंत्र दिवस के ठीक एक दिन पहले भारत सरकार की ओर से से एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण और जीवनदायक कार्य की शुरुआत की गयी हैं। यह कार्य है पर्याप्‍त पानी की सुनिश्चितता करना। ग्रामीण और शहरी भारत के लिए पीने के पानी के पर्याप्त, सुरक्षित, विश्वसनीय और स्थायी स्रोतों को सुनिश्चित करने के लिए आईआईटी मद्रास ने बीड़ा उठाया है। अपने इस प्रयास को अंजाम तक पहुंचाने के लिए वह सीएसआईआर के आईआईटीआर समेत देश के आठ अन्‍य संस्‍थानों के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य करेगा। इसका शुभारम्‍भ शुक्रवार को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान तथा पर्यावरण, वन एवं  जलवायु परिवर्तनमंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह ने किया।

 

आईआईटीआर के आरपीबीडी प्रमुख डॉ केसी खुल्‍बे के अनुसार सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, लखनऊ डीएसटी-आईआईटीमद्रास इनोवेशन सेंटर फॉर सस्टेनेबल ट्रीटमेंट, रीयूज एंड मैनेजमेंट फॉर एफिशिएंट, अफोर्डेबल एंड सिनर्जिस्टिक सॉल्यूशंस फॉर वॉटर (सूत्रम फॉर इज़ी वाटर) में एक सहभागी संस्थान है। डॉ हर्षवर्धन सिंह ने आईआईटी मद्रास में सौर ऊर्जा एवं  जल उपचार हेतु डीएसटी प्रौद्योगिकी मिशन केंद्रों का शुभारंभ किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने अपने अध्यक्षीय व्याख्यान में वैज्ञानिकों और टेक्नोक्रेट्स से अत्याधुनिक अनुसंधान के माध्यम से महत्वपूर्ण खोजों सफलताओं को प्राप्त करने की आकांक्षा प्रकट की,जो भारत को वैश्विक नवाचारों की ऊंचाइयों पर पहुंचा सके। उन्होंने कहा कि कठिन वैज्ञानिक चुनौतियों का सामना करने के लिए जल एवं ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भारतीय संस्थानों द्वारा उन्नत उपकरणों तथा  तकनीकों का विकास और अनुप्रयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह प्रयास भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

सूत्रम ऑफ इज़ी वाटर डीएसटी-आईआईटीएम वाटर इनोवेशन सेंटर, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर लिजी  फिलिप(Ligy Philip) द्वारा संचालित है। अपशिष्ट जल प्रबंधन,जल उपचार, सेंसर विकास, चक्रवात जल प्रबंधन एवं  वितरण तथा संग्रह प्रणालियों से संबंधित विभिन्न विषयों  पर समकालिक  अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ  करने के उद्देश्य से इस सेंटर की स्थापना की गई है।

 

यह सेंटर मल्टी इंस्टीट्यूशनल वर्चुअल सेंटर अपशिष्ट जल प्रबंधन,जल उपचार, सेंसर विकास, चक्रवात जल प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न संगठनोके विभिन्न समूहों को  समन्वित तरीके से कार्य  करने हेतु एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा तथा  अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और क्षमता निर्माण के माध्यम सेग्रामीण और शहरी भारत के लिए पर्याप्त, सुरक्षित और विश्वसनीय चिरस्थायी पेयजल स्रोत सुनिश्चित करने एवं अत्यधिक प्रदूषण और जल सघन  उद्योगों हेतु जल संसाधित करने हेतु कार्य करेगा। ज्ञात हो कि सीएसआईआर-आईआईटीआर जल उपचार जैसे: कीटाणुशोधन एवं नवीन  स्वच्छ जल प्रौद्योगिकी के विकास, व्यावसायीकरण और आउटरीच आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें अन्य भागीदारी संस्थान सीएसआईआर–सीएलआरआई चेन्नई, अन्ना विश्वविद्यालय, वीआईटीचेन्नई, पीआरआईएसटी विश्वविद्यालय, आईआईटी तिरुपति, कुमाऊँ विश्वविद्यालय और आईआईएसईआर भोपाल हैं।