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बच्चे में मलद्वार, मूत्रद्वार जैसी जन्मजात विकृतियां हों तो इधर-उधर भटककर समय न गंवायें, सीधे बच्चों के सर्जन को दिखायें

-नेशनल पीडियाट्रिक सर्जरी डे 2025 पर केजीएमयू में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम 

सेहत टाइम्स 
लखनऊ। बच्चों में जन्म से ही मलद्वार विकसित न होना, पेशाब का रास्ता निर्धारित जगह न होना, खाने की नली का सांस की नली से जुड़ा होना जैसी विकृतियों दिखें तो समय न गंवायें, तुरंत ही बच्चों के सर्जन (पीडियाट्रिक सर्जन) से ही सम्पर्क करना चाहिये, क्योंकि अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से सर्जरी कर इन विकृतियों को ठीक किया जा सकता है।
यह महत्वपूर्ण जानकारी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में 29 दिसम्बर को नेशनल पीडियाट्रिक सर्जरी डे 2025 के अवसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में दी गयी। इस बारे में विभागाध्यक्ष प्रो जेडी रावत ने बताया कि इस बार नेशनल सर्जरी डे की थीम जन्म से 18 वर्ष तक बच्चों में जन्मजात विकृतियों से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि जन्मजात विकृतियाँ- मलद्वार का विकसित न होना, खाने की नली सांस की नली से जुड़ी होना, हर्निया, पेशाब से सम्बन्धित- हाइपोस्पेडिया -बच्चों में होने वाली एक जन्मजात स्थिति है, जिसमें मूत्रमार्ग, पेशाब का रास्ता लिंग के सिरे पर न खुलकर नीचे की तरफ, लिंग के तने पर, अंडकोश पर या गुदा के पास खुलता है, पेट के ट्यूमर, पथरी इत्यादि।
प्रो रावत ने बताया कि इस सन्दर्भ में न्यू ओपीडी में एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें ओपीडी में आने वाले सभी लोगों को मीडिया, ऑडियो-विज़ुअल सिस्टम के माध्यम से इन बीमारियों के प्रति जानकारी देकर जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी लक्षण या बीमारी होने पर अपने बच्चों का इलाज पीडियाट्रिक सर्जन से ही कराएं, ऐसे बच्चों में बीमारी का इलाज समय से पहुँचने पर अत्याधुनिक उपकरणों जैसे लैप्रोस्कोपिक सेट, सिस्टोस्कोप, इन्डोस्कोपिक सेट इत्यादि के माध्यम से आपरेशन किया जाता है जिससे मरीज जल्द से जल्द रिकवर हो जाता है। इसके साथ साथ पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में बच्चों एवं नर्सिंग स्टूडेन्ट्स के द्वारा पेन्टिंग एवं प्रतियोगी परीक्षाओं का भी आयोजन किया गया एवं उनके अभिभावकों को बच्चों में होने वाली विभिन्न प्रकार की विकृतियों के बारे में जागरूक किया गया।
इस अवसर पर पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो जेडी रावत एवं अन्य डॉक्टर प्रो एस एन कुरील, प्रो अर्चिका गुप्ता, प्रो आनन्द पान्डेय, प्रो सुधीर सिंह, प्रो नितिन पंत, डॉ पीयूष कुमार, डॉ गुरमीत सिंह, डॉ राहुल कुमार राय सभी रेजीडेन्ट एवं विभाग के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि ओपीडी में आये लगभग 200 मरीजों को देखा गया तथा उन्हें खिलौने एवं उपहार भी दिये, तथा इसके साथ ही उनके परिवार को सम्बोधित करते हुए जानकारी प्रदान की गयी और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर सभी चिकित्सकों, रेजीडेंट एवं विभाग के सभी कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

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