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ऐसा ही चलता रहा तो 2050 तक करीब आधे बच्‍चे हो जायेंगे मायोपिया के शिकार

बच्चों में बढ़ता स्क्रीन टाइम- भाग-2

बच्चे अधिकांश समय घर की चारदीवारी के अंदर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ समय बिताते हैं। इसका प्रभाव लंबे समय के बाद देखने को मिलता है और त‍ब समझ में आता है। आपने प्रायः देखा होगा शहर के कम आयु के बच्चों को भी मोटे-मोटे ग्लासेज वाले चश्मे लग जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार सन 2050 तक 40 से 45 परसेंट बच्चे मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) के शिकार हो जाएंगे।  

एक वर्ष की उम्र तक इंटरनेट से नहीं सीख सकते बच्‍चे

सोशल मीडिया पर आपने भी ‘बच्चों को कोडिंग सिखायें’  विज्ञापन जरुर देखा होगा। अब आप ही तय करें कि आपके बच्चे के लिए कोडिंग सीखने की सही उम्र क्या होनी चाहिए?  क्‍योंकि न्यूरो साइंस कहती है कि एक साल तक की उम्र के बच्चे इन्टरनेट से कुछ भी नहीं सीख सकते, जबकि मनुष्यों से वो सीख सकते हैं। आकड़े हमें बताते हैं कि अधिकांश बच्चे 18 महीने की उम्र तक स्क्रीन-आधारित मीडिया के संपर्क में आ जाते हैं, इसमें लगभग 96% बच्चे स्मार्टफोन देखते हैं तो 89% बच्चे टेलीविजन देखते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लगभग 65% भारतीय परिवार रात का खाना खाते समय टेलीविजन चालू रखते हैं। उच्च आय वाले देशों में पांच से कम उम्र के बच्चों में अधिक स्क्रीन समय की व्यापकता 10% से 93.7% तक हो सकती है, और वहीँ दूसरी ओर मध्यम आय वाले देशों में 21% से 98%.

आइये पहले ‘डिजिटल मीडिया’ में प्रयोग किए जाने वाले शब्दों का मतलब समझ लेते हैं। स्क्रीन टाइम/ डिजिटल एंगेजमेंट टाइम मोबाइल फोन, टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, या किसी भी हैंड-हेल्ड या विजुअल डिवाइस जैसी स्क्रीन देखने में प्रति दिन बिताया गया कुल समय होता है। व्यक्तिगत, शैक्षिक, या मनोरंजक उद्देश्यों के लिए डिजिटल मीडिया और उपकरणों का उपयोग करते हुए सभी क्षेत्रों में उपयोगकर्ता और समुदाय के स्वास्थ्य को बनाए रखना, डिजिटल वेलबीइंग/वेलनेस कहलाता है। इसमें डिजिटल वातावरण में सुरक्षित और जिम्मेदार व्यवहार और आचरण शामिल है, ताकि किसी भी जीवित व्यक्ति या पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। मीडिया में विभिन्न प्रकार के जन संचार के माध्यम शामिल हैं, उदाहरण के लिए प्रिंट, प्रसारण और इंटरनेट मीडिया। इन्हें पारंपरिक (प्रिंट और प्रसारण) और नए मीडिया में विभाजित किया जा सकता है। डिजिटल मीडिया में ब्लॉग, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, प्रोजेक्ट, वर्चुअल गेम वर्ल्ड, ऐप्स और वर्चुअल सोशल वर्ल्ड  आदि आते हैं। स्मार्ट फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप और टैबलेट डिजिटल मीडिया तक पहुंचने के लिए उपयोग किए जाने वाले मुख्य उपकरण होते हैं।

…जारी क्लिक करें बच्चों में बढ़ता स्क्रीन टाइम- भाग-3-खाना खिलाने के लिए स्‍क्रीन का सहारा लेना गलत

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