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कोविड-19 : कैसे लेना है सैम्‍पल, क्‍या सावधानियां बरतनी है मृत्‍यु होने पर, सब कुछ सिखाया जा रहा

-केजीएमयू में चल रहा छह घंटे की अवधि का प्रशिक्षण कार्यक्रम, अब तक 2350 लोग सीख चुके

-चिकित्सकों, नर्स, टेक्नीशियन, बीमार की देखरेख करने वालों तथा सफाई कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 से जंग जारी है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) को इस बीमारी के लिए राज्य का नोडल केंद्र बनाया गया है। अपनी इस जिम्मेदारी को निभाते हुए केजीएमयू में कोरोना मरीज के साथ किस तरह सावधानियां बरतनी हैं, इसका विस्‍तृत तरीके से छह घंटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार चल रहा है। यह प्रशिक्षण चिकित्सकों, नर्सेज, टेक्नीशियन, बीमार की देखरेख करने वालों तथा सफाई कर्मियों को अलग-अलग सत्र के माध्यम से दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट तथा के संरक्षण में तथा अधिष्ठाता पैरामेडिकल साइंसेज प्रोफेसर विनोद जैन के नेतृत्व में लगातार आयोजित किया जा रहा है ऐसे ही एक सत्र का जायजा लेने आज कुलपति पहुंचे।

प्रशिक्षण का विस्तृत प्रारूप न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में अनूठा : कुलपति

उस दौरान सत्र में उपस्थित चिकित्‍सकों व नर्सों से बात की तथा उन्‍हें सम्‍बोधित किया। उन्होंने प्रशिक्षण लेने वाले चिकित्सकों एवं नर्सों को संबोधित करते हुए ‘ईच वन टीच वन’ पद्धति यानी कि प्रत्येक व्यक्ति सीखे और दूसरों को सिखाएं, को अपनाने की अपील की। कुलपति ने कोरोना संक्रमण प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी एवं अधिष्ठाता पैरामेडिकल साइंसेस प्रोफेसर विनोद जैन की सराहना करते हुए कहा कि कोविड-19 प्रशिक्षण का इतना विस्तृत प्रारूप न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में अनूठा है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर स्वास्थ्य कर्मी स्वयं सुरक्षित रहते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों सहित अन्य लोगों को इस संक्रमण से सुरक्षित रहने के प्रति जागरूक करने का कार्य करेंगे।

इस मौके पर डॉ विनोद जैन ने कहा कि 16 मॉड्यूल वाले तथा 6 घंटे तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में अब तक 2350 नर्सेज, टेक्नीशियन, मरीज की देखभाल करने वाले एवं सफाई कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। उन्‍होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में कोरोना संक्रमण से संबंधित सामान्य जानकारी के अतिरिक्त अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तरीके, संक्रमण से बचने एवं दूसरों को बचाने के तरीके, संदिग्ध कोरोना संक्रमण मरीज के नमूने लेने एवं उन्हें सुरक्षित भेजने के तरीके, हाथों को स्वच्छ रखना, मास्क का सुरक्षित ढंग से प्रयोग करना  तथा इस्‍तेमाल करने के बाद उसका सावधानी से डिस्‍पोजल करना, पीपीई किट को सुरक्षित तरीके से पहनना एवं उतारना, सकारात्मक सोच रखना, कोरोना संक्रमित रोगी की मृत्यु के उपरांत उसके शरीर का निस्तारण करना, बायो वेस्ट मैनेजमेंट तथा आइसोलेशन एवं क्वॉरेंटाइन की अवधारणा के बारे में विस्तृत जानकारी देना शामिल है। उन्‍होंने बताया कि यह जानकारी व्याख्यानों, वीडियो एवं प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के रूप में दी जा रही है।

ऐप भी होगा लॉन्‍च, मिलेगा देश भर को फायदा : डॉ विनोद जैन

उन्होंने यह भी बताया कि विद्यालय के कुलपति भट्ट के निर्देशानुसार समस्त प्रशिक्षण सामग्री जिसमें हिंदी-इंग्लिश के पावर पॉइंट शिक्षण विधियां आदि शामिल हैं, विश्वविद्यालय की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं, जिससे कि आमजन को भी इसका लाभ प्राप्त हो सके। डॉ जैन ने बताया कि निकट भविष्य में नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एवं किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा ऐप भी लॉन्च होने जा रहा है जो इस प्रशिक्षण को समस्त भारत में प्रसारित करेगा।

डॉ जैन ने बताया कि इस प्रशिक्षण को प्रदान करने में अधिष्ठाता दंत संकाय डॉ अनिल चंद्रा, प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग रश्मि पी जॉन, आचार्य माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्रो प्रशांत गुप्ता एवं सह आचार्य मेडिसिन विभाग डॉ अभिषेक सिंह के साथ ही कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए पैरामेडिकल राघवेंद्र शर्मा, अनु दुबे, मंजरी शुक्ला, श्यामजी रमन एवं रचना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कोर्स की कोऑर्डिनेटर शालिनी दुबे हैं।