-आने वाले दो सप्ताह बहुत चुनौतीपूर्ण, लापरवाही करने लगे हैं लोग
-फिर से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए लापरवाही की गुंजाइश नहीं
-पिछले 85 दिनों में पहली बार देश में एक दिन में 26,291 नये केस

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोरोना के बढ़ते केस भारत को डराने लगे हैं। एक तरफ वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो चुका है, दूसरी तरफ कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं। 15 मार्च को सुबह 8 बजे की रिपोर्ट के अनुसार देश में एक दिन में 26,291 नये केस सामने आये हैं। पिछले 85 दिनों में पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में मामले आने के बाद चिंता बढ़ गयी है। अब तक देश में कुल 1 करोड़ 13 लाख 85 हजार 339 केस अब तक हो गये हैं। मौतों की बात करें तो पिछले 24 घंटों में 118 मौतों के साथ अबतक कुल 1,58,725 मौतें हो गयी हैं। यूएसए और ब्राजील के बाद भारत तीसरा देश है जो कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
इस पर रोक के लिए जरूरी है कि इससे बचाव के लिए लोगों को वे सारे कदम उसी गंभीरता से उठाने चाहिये जो पूर्व में उठा चुके हैं यानी मास्क अवश्य लगायें, लोगों से दो गज की दूरी बना कर रखें और समय-समय पर हाथ साबुन-पानी या सैनिटाइजर से धोते रहें। यह देखा जा रहा है कि अब लोग सावधानी बरतने के प्रति लापरवाह हो गये हैं, मास्क की बात करें तो सड़क पर निकलने वाले लोगों में करीब मात्र 10 फीसदी लोग ही मास्क लगा रहे हैं, जबकि 90 फीसदी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं, जो कि गलत है।

इस बारे में ‘सेहत टाइम्स’ ने कोविड टीकाकरण के ब्रांड एम्बेसेडर व केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत से जब बात की तो उन्होंने कहा कि आने वाले दो सप्ताह उत्तर प्रदेश के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हैं, अगर यही ट्रेंड रहा तो स्थिति खराब हो सकती है, कोविड संक्रमण की दूसरी लहर आ सकती है। डॉ सूर्यकांत का कहना है कि पुणे, मुंबई, तमिलनाडु जैसी जगहों, जहां केस ज्यादा हैं वहां से लोगों का आवागमन तो जारी है, फ्लाइट भी चल रही हैं, ऐसे में सावधान तो रहना ही होगा।
डॉ सूर्यकांत ने कहा कि इस माह के अंत में होली का त्योहार आ रहा है, होली गले मिलने का त्योहार है, लेकिन हमें गले मिलने से परहेज करना होगा, ईद तो हम लोग सम्भाल ले गये लेकिन अगर होली नहीं सम्भाली तो मुश्किल खड़ी हो सकती है। जो अनुशासन और संयम हमने ईद में दिखाया था वही अनुशासन और संयम हमें होली में भी दिखाना होगा। होली जरूर मनायें लेकिन अनुशासन के साथ, उन्होंने कहा कि गले मिलकर हैप्पी होली कहने के बजाय, बिना गले मिले नमस्ते होली कहना होगा।
डॉ सूर्यकांत का कहना है कि मेरा मानना है कि कोई भी लड़ाई होती है, उसका अंतिम चरण बहुत महत्वपूर्ण होता है, और इस चरण में जो ढीला पड़ता है वह हार जाता है, यानी कोविड से इस लड़ाई में हमें ढीला नहीं पड़ना है, अगर हम ढीले पड़े तो हम कोविड के वायरस से हार जायेंगे, और अगर नहीं पड़े तो वायरस को हरा देंगे। डॉ सूर्यकांत ने कहा कि और सच्चाई यह है कि इस समय हम ढीले पड़ने लगे हैं। एक संतोष की बात है कि केसेज जरूर बढ़ रहे हैं लेकिन मृत्यु पहले की तरह नहीं बढ़ रही हैं, अस्पताल में भर्ती नहीं बढ़ रही हैं, इसका अर्थ यह है कि समय के साथ वायरस की आक्रामकता कम हुई है।
एक प्रश्न के उत्तर में डॉ सूर्यकांत ने कहा कि अभी जिन कैटेगरी को वैक्सीन के लिए सरकार की ओर से चुना गया है, उनकी संख्या करीब 27 करोड़ है, और मेरा मानना है कि अप्रैल के अंत या मई के आरम्भ में दो और वैक्सीन आ जायेंगी तब वैक्सीनेशन ओपन की जा सकती है यानी जो भी लोग वैक्सीन लगवाना चाहते हैं और वे चिकित्सीय दृष्टिकोण से वैक्सीन लगवाने के लिए पात्र है उन्हें वैक्सीन लगा दी जायेगी। डॉ सूर्यकांत ने कहा कि वैक्सीन के बावजूद भी अभी हमें संयम दिखाना है क्योंकि जब तक कि करीब 70 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक वैक्सीन लगवाने वालों और जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है, दोनों को बचाव के सभी कदम उठाने हैं।

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