कर्मचारियों की शिकायत पर लिये एकतरफा निर्णय को लेकर निदेशक पर जब उठे सवाल तो निदेशक ने कहा मंगलवार को जांच कमेटी गठित करके जानी जायेगी सत्यता
लखनऊ। यहां गोमतीनगर स्थित डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पढ़ने वाले एूमबीबीएस के पांच छात्रों के साथ पंजीकरण काउंटर पर तैनात कर्मचारियों की हुई कहासुनी के बाद पांचों छात्रों को फलिहाल निलंबित कर दिया गया है। छात्रों के माता-पिता को बुलाया गया है, उसके बाद उम्मीद है कि चेतावनी देते हुए निलंबन को वापस ले लिया जायेगा।
मिली जानकारी के अनुसार हुआ यूं कि संस्थान में पढ़ने वाले छात्र अपने किसी मरीज को दिखाने के लिए सोमवार को संस्थान की ओपीडी नंबर तीन समीप कैश काउंटर पर मरीज का पंजीकरण कराने के लिए कई एमबीबीएस छात्र पहुंचे थे। लंबी लाइन थी इसलिए छात्र सीधे काउंटर में पहुंच गये। इसी बात को लेकर काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों रवि प्रताप सिंह, आकाश शुक्ल व अन्य और छात्रों के बीच जमकर कहासुनी हो गयी। कर्मचारियों का कहना था कि कैश काउंटर पर काफी मात्रा में कैश रहता है ऐसे में छात्र काउंटर के अंदर कैसे घुस आये। बताया जाता है कि बात जब ज्यादा बढ़ी तो निदेशक के सामने मामला पहुंचा। इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.दीपक मालवीय का कहना है कि कैश काउंटर में घुसने वाले पांचों छात्रों के अभिवावकों को बुलाया जायेगा, इसके बाद निलंबन वापसी की संस्तुति की जायेगी। आरोपों की सत्यता परखने के लिए मामले की जांच के संबन्ध में उन्होंने बताया कि मंगलवार को जांच कमेटी गठित की जायेगी।
निदेशक ने कर्मचारियों के आरोपों को उचित ठहराते हुए बिना देरी किये पांचों को निलंबित कर दिया। वहीं भुक्तभोगी छात्रों का कहना है कि संस्थान के छात्र होने की वजह से हम लोग काउंटर पर गये थे। कर्मचारी पुराने हैं और संगठित हैं इसलिए हम लोगों पर एकतरफा कार्रवाई की गई है।
आखिर जांच कमेटी क्यों नहीं गठित की ?
सवाल यह उठता है कि लोहिया इंस्टीट्यूट प्रशासन द्वारा एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को बिना जांच के निलंबित करना कितना उचित है। क्योंकि कर्मचारियों के आरोप पर इन्हें निलंबित किया गया है और निलंबन के साथ ही पांचों छात्रों की शिक्षण कार्य ठप कर दिया जायेगा। जबकि छात्रों का पक्ष सुना ही नहीं गया। इस बारे में जांच न कराने के प्रश्न पर निदेशक डॉ.दीपक मालवीय का कहना है कि मंगलवार को जांच टीम गठित की जायेगी। ताकि पता चले कि कहीं कर्मचारियों ने फर्जी शिकायत तो नहीं की है।