Saturday , November 23 2024

किसान और बैल

जीवन जीने की कला सिखाती कहानी – 71 

डॉ भूपेन्‍द्र सिंह

प्रेरणादायक प्रसंग/कहानियों का इतिहास बहुत पुराना है, अच्‍छे विचारों को जेहन में गहरे से उतारने की कला के रूप में इन कहानियों की बड़ी भूमिका है। बचपन में दादा-दादी व अन्‍य बुजुर्ग बच्‍चों को कहानी-कहानी में ही जीवन जीने का ऐसा सलीका बता देते थे, जो बड़े होने पर भी आपको प्रेरणा देता रहता है। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) के वृद्धावस्‍था मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ भूपेन्‍द्र सिंह के माध्‍यम से ‘सेहत टाइम्‍स’ अपने पाठकों तक मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सहायक ऐसे प्रसंग/कहानियां पहुंचाने का प्रयास कर रहा है…

प्रस्‍तुत है 71वीं कहानी –  किसान और बैल

एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।

वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं।

अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएं में ही दफना देना चाहिऐ। 

किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएं में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर  अचानक वह आश्चर्यजनक रूप से शांत हो गया।  

सब लोग चुपचाप कुएं में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएं में झांका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया..

अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। 

जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढ़ी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएं के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया।  

ध्यान रखें आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि , 

आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा

कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा  

कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे…

ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएं में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है।

सकारात्मक रहे.. सकारात्मक जिएं!

इस संसार में….

      सबसे बड़ी सम्पत्ति “बुद्धि “

      सबसे अच्छा हथियार “धैर्य”

      सबसे अच्छी सुरक्षा “विश्वास”

      सबसे बढ़िया दवा “हंसी” है

और आश्चर्य की बात कि “ये सब निशुल्क हैं “

सोच बदलो जिंदगी बदल जायेगी…

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