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भले ही स्ट्रेचर या एम्बुलेंस में देखना पड़े, कम से कम प्राथमिक उपचार मरीज को अवश्य दें

-बेड न होने की बात कह मरीजों को लौटाये जाने पर ब्रजेश पाठक की सलाह
-एसजीपीजीआई के स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि सम्बोधन में दी सलाह
-सभी की तारीफ करते हुए कहा, 40 साल में बहुत शोहरत बटोरी है संस्थान ने

सेहत टाइम्स
लखनऊ।
संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इन मेडिकल सांइसेंज ने 40 वर्षों में खूब शोहरत बटोरी है। यहां मरीजों को विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। गुणवत्तापरक शोध हो रहे हैं। संस्थान के डॉक्टर ही नहीं सभी स्तर के कर्मचारी अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। यही वजह है कि संस्थान दिनों दिन तरक्की कर रहा है।

उप मुख्यमंत्री श्री पाठक ने यह बात आज 14 दिसम्बर को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान एसजीपीजीआई के 40वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में कही। ब्रजेश पाठक ने कहा कि संस्थान मरीजों को और बेहतर उपचार मुहैया कराए। किसी भी मरीज को बिना इलाज न लौटाया जाए। इसके लिए ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। डॉक्टर व कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाए ताकि रोगियों के उपचार में डॉक्टर व कर्मचारियों की कमी आड़े न आए। उन्होंने कहा कि बेड न होने की बात कहकर रोगियों को लौटाया जा रहा है। बेड भरे होने की दशा में स्ट्रेचर या एम्बुलेंस में प्राथमिक उपचार मुहैया कराया जाये, दूसरे सरकारी अस्पताल में मरीज को रेफर करें। इसके लिए सरकारी अस्पतालों से भी समन्वय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि यदि आप दूर जाकर रोगियों को उपचार मुहैया नहीं करा सकते हैं तो कम से कम अस्पताल आने वाले को तो देखे। हर मरीज को भगवान मान कर सेवा करें।

डॉक्टर की नजर में कोई मरीज पराया नहीं

उन्होंने कहा कि डॉक्टर की नजर में कोई मरीज पराया नहीं होना चाहिए। गरीब व अमीर मरीज एक समान होते हैं। हमारे ऊपर प्रदेश की 25 करोड़ लोगों की जवाबदेही है। सरकार संस्थान की हर संभव मदद कर रही है। यदि किसी स्तर पर कोई अड़चन आ रही है तो सीधे हमसे बात करें। उन्होंने कहा कि कुपोषण किसी भी देश के लिए अभिशाप है और इसे दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ के ग्रामीण आदिवासी इलाके में स्वास्थ्य सेवा के लिए वहीं स्थापित किए गए संगठन जन स्वास्थ्य सहयोग ग्रुप के संचालक डॉ. रमन कटारिया के अथक प्रयासों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई को देश भर में सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक बनने के लिए सर्वोत्तम उपचार और सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।

स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहा तेजी से सुधार

चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। नए अस्पताल व मेडिकल संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। एमबीबीएस, पीजी व सुपर स्पेशिलिटी की सीटों में इजाफा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। मयंकेश्वर शरण सिंह ने स्थापना दिवस पर स्टाफ को बधाई दी और कहा कि एसजीपीजीआई परिवार की कड़ी मेहनत से संस्थान तेजी से आगे बढ़ेगा।

गामा नाइफ स्थापित करने की घोषणा की निदेशक ने

पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर से पीड़ितों के लिए संस्थान में गामा नाइफ स्थापित की जाएगी। पीपीपी मॉडल पर भी गामा नाइफ स्थापित की जा सकती है। इमरजेंसी के 210 बेड 6 महीने के अंदर क्रियाशील करेंगे। कार्यक्रम में डॉक्टरों को उपाधि प्रदान की गई। निदेशक प्रोफेसर धीमन ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में अब तक हासिल किए गए मील के पत्थर को पहचानने और इस संगठन के निर्माण में कर्मचारियों के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करने के लिए अपना 40वां स्थापना दिवस मनाया।

दयनीय स्वास्थ्य ढांचे के अनुभव बताये डॉ रमन कटारिया ने

डीन डॉ. शालीन कुमार ने स्थापना दिवस वक्ता, जन स्वास्थ्य सहयोग (सार्वजनिक स्वास्थ्य सहायता समूह) के संस्थापक सदस्य डॉ. रमन कटारिया का संक्षिप्त परिचय दिया। अपने सम्बोधन में डॉ. कटारिया ने छत्तीसगढ़ के गनियारी गांव में कम वजन वाले, कम पोषित आदिवासियों और कुपोषित बच्चों वाले दयनीय स्वास्थ्य ढांचे के वास्तविक जीवन के अनुभव साझा किए। उन्होंने दीर्घकालिक रोग देखभाल कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया जिसमें मोबाइल क्लीनिकों में और रोगी स्वास्थ्य सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों की जांच, निदान, उपचार और अनुवर्ती कार्रवाई की गई। समय के साथ, इससे शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में कमी आई।

उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य समूह ने कैंसर, कुपोषण, प्रसवकालीन देखभाल, तपेदिक, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के प्रबंधन के लिए बड़े पैमाने पर और गहनता से काम किया है, जिसका उद्देश्य गरीबों के लिए स्वास्थ्य देखभाल को सस्ता और सुलभ बनाना है। उन्होंने कामकाजी माता-पिता के लिए प्ले ग्रुप फुलवारी के बारे में भी विस्तार से बताया। इस अवसर पर उपस्थित दर्शकों के लिए उनका भाषण वास्तव में प्रेरणादायक था।
इसके बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं को उनके अनुकरणीय शोध कार्य के लिए और सर्वश्रेष्ठ छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम का समापन डीन प्रोफेसर शालीन कुमार द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

इन्हें दिये गये पुरस्कार

एंडोक्राइनोलॉजी के टेक्निकल ऑफीसर महिपाल सिंह
पीडियाट्रिक सर्जरी के सीनियर नर्सिंग ऑफीसर श्री कुमार पीके
नियोनेटोलॉजी के नर्सिंग ऑफीसर सुनील कुमार
सर्वश्रेष्ठ एमडी स्टूडेंट पैथोलॉजी की डॉ शैला फरहीन
सर्वश्रेष्ठ एमसीएच स्टूडेंट पीडियाट्रिक सर्जरी की डॉ पुजाना
सर्वश्रेष्ठ डीएम स्टूडेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डॉ श्रीकान्त कथालकर


इससे पूर्व स्थापना दिवस समारोह सुबह ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के साथ भर्ती मरीजों को पोषण पैक और स्वस्थ कार्ड के वितरण के साथ शुरू हुआ। एसजीपीजीआई स्टाफ के कुछ सदस्य नियमित रक्तदाता हैं। इस निस्वार्थ कार्य का सम्मान करने के लिए प्रत्येक दाता को एक प्रमाण पत्र और पट्टिका दी गई।

इस मौके पर एसजीपीजीआई परिसर स्थित अमृत वाटिका में जेरेनियम, तुलसी, अश्वगंधा, सर्पगंधा, पामारो, सतावर, पीपली, स्टीविया और ब्राह्मी सभी औषधीय पौधे लगाए गए ताकि सुंदर हरे-भरे माहौल को और बढ़ाया जा सके। इस मौके पर निदेशक, सीएमएस, एमएस, डीन और जेडीए के साथ ही उद्यान एवं इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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