Wednesday , May 8 2024

बहुत हुआ मान मनौव्‍वल, अब आंदोलन ही रास्‍ता, बिगुल फूंका

-केजीएमयू कर्मचारी परिषद की दो टूक, 28 जनवरी से शुरू होगा आंदोलन, 5 फरवरी से पूर्ण हड़ताल

प्रदीप गंगवार

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। शासन स्तर पर आश्वासन के बावजूद केजीएमयू के नॉन शैक्षणिक स्थायी कर्मचारियों व आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारित न होने से, कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कर्मचारियों की समस्याओं संबन्धी मांग को लेकर केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष प्रदीप गंगवार और महामंत्री राजन यादव ने केजीएमयू प्रशासन को पत्र सौंपकर आंदोलन की चेतावनी दे दी है। परिषद के पदाधिकारियों का कहना है कि गैर शैक्षणिक कर्मचारियों स्थायी व आउटसोर्सिंग की पिछले चार साल से लंबित समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है।

पदाधिकारियों ने कहा है कि अपनी मांगों के संदर्भ में कर्मचारी परिषद पिछले 4 वर्षों से निरंतर पत्राचार, वार्ता, शिष्टाचार, निवेदन सभी प्रक्रिया अपना चुकी है लेकिन बदले में कर्मचारियों को आश्‍वासन और शून्‍य ही प्राप्त हुआ है। ऐसे में कोरोना वारियर समझे जाने वाले स्थायी एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि अपनी मांगों को लेकर अब आंदोलन के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है। कर्मचारी कई बार मांगें दोहराने के बाद भी, कार्रवाई न होने से आन्दोलन करने को मजबूर हुए हैं। 

नेताद्वय ने कहा कि हमारी मांगों में शासन द्वारा 23 अगस्त 2016 को जारी शासनादेश को तत्काल लागू किया जाए तथा आउटसोर्सिंग कर्मियों के संदर्भ में शासन द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से लागू कर वेतनमान उच्‍चीकृत करने के लिए शासनादेश जारी किया जाए। उन्‍होंने कहा कि क्योंकि कमेटी एवं शासनादेश दोनों प्रक्रिया पूर्व में पूर्ण की जा चुकी है इसलिए इन दोनों मांगों के संबंध में शासन प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कमेटी या आश्वासन पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्‍होंने 28 जनवरी को काला फीता बांधकर आंदोलन की शुरुआत करने से लेकर 5 फरवरी से मांगें पूरी होने तक हड़ताल की घोषणा की है।

 
परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने बताया कि केजीएमयू में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को आरएमएल और पीजीआई के समान वेतनमान देने के लिए मुख्यमंत्री ने 18 जून, 2018 को समीक्षा बैठक करके आदेश दिया था। जिसके बाद अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग डॉ. रजनीश दुबे ने 9 अगस्त, 2018 को तत्कालीन विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग जयंत नार्लिंकर की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर शासन को अपनी रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था। इस कमेटी ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतनमान को एनएचएम के समान देने की रिपोर्ट दी थी, करीब दो साल हो चुके हैं। लेकिन कर्मचारियों को आज तक लाभ नहीं मिल सका है। उन्होंने केजीएमयू कुलपति से मांग की है कि कर्मचारियों की मांगों को जल्द निस्तारित किया जाए। यदि शासन-प्रशासन कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने में देरी करेगी तो कर्मचारी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महामंत्री राजन यादव ने कहा कि कर्मचारी परिषद के बैनर तले 28 जनवरी से काला फीता बांधकर संस्थान परिसर में शांति मार्च निकाला जाएगा। उसके बाद अगले दिन 29 से 31 जनवरी तक दोपहर 12 से शाम चार बजे तक प्रशासनिक भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा, 1 फरवरी से 4 फरवरी तक प्रातः 10 बजे से 4:30 बजे तक प्रशासनिक भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा तथा उसके बाद फिर भी मांगें न मानी गई तो 5 फरवरी से मांगों के निस्तारण तक इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर 24 घंटे धरना प्रदर्शन किया जाएगा।