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माता-पिता और बुजुर्गों की याद में डॉ सूर्यकान्त ने किया पौधों का रोपण

-गृह जनपद इटावा में नगर वन स्थित “मातृ वन” में पत्नी के साथ लगाए विभिन्न प्रजातियों के पौधे

सेहत टाइम्स

इटावा। उत्तर प्रदेश वन विभाग की अनूठी सामाजिकी पहल “एक पेड़ मां के नाम” पर क्रियान्वयन करते हुए पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के लिए जनपद की समर्पित संस्था “ओशन” के तत्वावधान में आज लायन सफारी के सामने स्थापित नगर वन में सघन पौधारोपण किया गया।

“ओशन” के अध्यक्ष एवं जनपद इटावा के ग्राम बह्मनीपुर के मूल निवासी डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी ने अपनी धर्मपत्नी प्रीति कान्त त्रिपाठी के साथ “एक पेड़ मां के नाम” के क्रम में अपनी माता कांती देवी त्रिपाठी, पिता राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी सहित घर के अन्य बड़े सम्मानित बुजुर्गों में दादा गंगा प्रसाद त्रिपाठी, दादी जय देवी त्रिपाठी, परदादा जमुना प्रसाद त्रिपाठी, ताऊ ब्रह्म दत्त त्रिपाठी, ताऊ इंद्र दत्त त्रिपाठी, ताई माया देवी त्रिपाठी, बुआ संसार देवी, चाचा, पवित्रेन्द्र कुमार त्रिपाठी तथा चाची कृष्णा देवी त्रिपाठी की याद में नगर वन स्थित “मातृ वन” में पौधे रोपित किए।

आज जिन पौधों को रोपित किया गया उनमें नीम, पीपल, बिल्वपत्र, ढांक, आम आदि के छाया दार पौधे लगाए और उनकी सुरक्षा का संकल्प भी लिया। इस अवसर पर संस्था ओशन के महासचिव, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी, वन विभाग इटावा से वन दरोगा रवींद्र मिश्रा एवं नगर वन प्रभारी रमेश राजपूत, नगर वन कर्मी रामदास, राम नरेश, चंद्र भान आदि मौजूद रहे।

प्रकृति प्रेमी हैं डॉ सूर्यकान्त

ज्ञात हो राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत डॉ सूर्यकांत प्रकृति प्रेमी हैं, यही वजह है कि पिछले कई वर्षों से वे एक वृक्ष के रोपण से लेकर पूरी वाटिका की स्थापना करने जैसे कार्य में लगे रहे हैं। केजीएमयू में अपने विभाग में उन्होंने एक औषधि वाटिका स्थापित की है, जिसमें स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उपयोगी पौधों को रोपित किया है। तीन साल पूर्व 2021 में जब रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग का 75वां स्थापना दिवस मनाया गया था, उस समय उन्होंने स्‍वास्‍थ्‍य के दृष्टिकोण से नवग्रह वाटिका की स्थापना करते हुए नवग्रह व औषधीय गुणों से भरपूर कुश, केला, शमी, लटजीरा, सदाबहार, पलाश, गुड़हल, हरजोड़, ब्राह्मी, जलनीम, भृंगराज, अन्‍तमूल, लाजवंती, अजूबा, पीपली, अनंतमूल, सालपर्णी, अपराजिता, शतावरी, घृतकुमारी (एलोवेरा), गुग्गल, तुलसी, अश्वगंधा, हरसिंगार आदि के 75 पौधों का रोपण किया था।

डॉ सूर्यकांत अपने सम्‍बोधनों में अनेक बार यह आह्वान करते हैं कि ऑक्‍सीजन देने वाले पेड़ों को लगाने के लिए छोटे-छोटे प्रयास ही वृहद रूप ले लेते हैं, उनका कहना है कि‍ बच्‍चे का जन्‍मदिन हो, या फि‍र विवाह की वर्षगांठ जितने वर्ष बीतने का उत्‍साह मना रहे हैं उतने ही पेड़ उस दिन लगायें, इससे जहां इस खास दिन को धूमधाम से मनाने की परिवार की इच्छा भी पूरी होगी वहीं पैदा होते ही पहली सांस से लेकर आखिरी सांस तक देने वाली ऑक्सीजन के स्रोत की भी व्यवस्था का रास्ता साफ होगा। वह बताते हैं कि एक व्यक्ति को सांस लेने के लिए प्रतिदिन 350 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है, और यह ऑक्सीजन इन्हीं पेड़-पौधों से बिल्कुल फ्री मिलती है।

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