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मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर चर्चा करने से कतरायें नहीं, बात करें

-मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर महाउत्‍सव का आयोजन समाज के लिए बहुत लाभदायक

-1 अक्‍टूबर को होने वाले मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य महोत्‍सव-2022 का दूसरा प्रीइवेंट आयोजित

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर बात करने का अर्थ यह नहीं है कि पागलपन पर बात की जा रही है, हमारी रोजमर्रा जिंदगी में ऐसी अनेक समस्‍याएं, चुनौतियां, परिस्थितियां, घटनाएं, अप्रत्‍याशित परिणाम आदि के चलते लोगों में उस चुनौती से लड़ने की शक्ति नहीं रहती है, उदासी छा जाती है, घबराहट जैसी दिक्‍कतें होने लगती है, इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए जिन बातों पर ध्‍यान दिया जाना चाहिये, उनके बारे में बात करना भी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर चर्चा करना है। मानसिक‍ स्‍वास्‍थ्‍य के महत्‍व को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) ने भी स्‍वीकार किया है। विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस के मौके पर हर आम और खास के जीवन से जुड़े इस विषय पर गोल्‍डेन फ्यूचर पब्लिक चेरिटेबिल ट्रस्‍ट के बैनर तले लखनऊ में आगामी 1 अक्‍टूबर को होने वाले मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य महोत्‍सव-2022 का आयोजन स्‍वागतयोग्‍य है।

यह बात गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथिक रिसर्च के चीफ कन्‍सल्‍टेंट डॉ गिरीश गुप्‍ता ने आज 18 सितम्‍बर को यहां रामकृष्‍ण मठ में युवाओं के लिए आयोजित कई प्रतियोगिताओं के मौके पर अपने सम्‍बोधन में कही। डॉ गिरीश गुप्‍ता ने कहा कि मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य का महत्‍व दुनिया की सबसे बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍था डब्‍ल्‍यूएचओ ने भी स्‍वीकार किया है। उन्‍होंने कहा कि डब्‍ल्‍यूएचओ ने स‍बसे पहले स्‍वास्‍थ्‍य की परिभाषा बतायी कि absence of disease is health, लेकिन बाद में उन्‍हें अहसास हुआ कि सिर्फ शरीर के स्‍वस्‍थ रहने से काम नहीं चलेगा तो उसमें मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को जोड़ कर नयी परिभाषा बतायी कि absence of physical and mental disease is health। हालांकि बाद में इसमें सोशल और स्प्रिचुअल और जोड़ा गया है इस तरह से वर्तमान में इसकी परिभाषा है physical, mental, social and spritual welbeing is health. स्प्रिचुअलटी को शामिल करने से भारतीय सोच पर मुहर लगती है, क्‍योंकि भारत में अध्‍यात्‍म का बोलबाला है।

गैर संक्रमित बीमारियों में आधी से ज्‍यादा की वजह मानसिक

डॉ गुप्‍ता ने कहा कि आज गैर संक्रमित बीमारियों में 50 से 60 प्रतिशत बीमारियां अस्‍वस्‍थ मानसिक अवस्‍था के कारण हो रही हैं। यहां तक कि महिलाओं में होने वाले अनेक ट्यूमर, अर्थराइटिस, सोरियासिस, थायरॉयड जैसी बीमारियां भी मानसि‍क कारणों से हो रही हैं। उन्‍होंने कहा कि साइकोसोमेटिक बीमारियों के बारे में होम्‍योपैथी में सवा दो सौ साल पहले इसके अविष्‍कारण डॉ सैमुअल हैनिमैन ने इलाज ढूंढ़ लिया था। उन्‍होंने इस आयोजन के सूत्रधार गोल्‍डेन फ्यूचर चेरिटेबिल ट्रस्‍ट के शोभित नारायण अग्रवाल की इस नायाब आयोजन के लिए प्रशंसा करते हुए सभी आयोजकों को इसकी शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने कहा कि शोभित अग्रवाल ने जिस तरह इस कार्यक्रम में बच्‍चों को भी शामिल किया है, यह एक बहुत बड़ी बात है। मैं समझता हूं कि इस समारोह से समाज में एक बहुत बड़ा पॉजिटिव मैसेज जायेगा। मेरी सभी से अपील है कि आप लोग शारीरिक के साथ ही मानसिक, आध्‍यात्मिक और सामाजिक स्‍वास्‍थ्‍य पर अवश्‍य ध्‍यान दें।

ज्ञान के दीप प्रज्‍ज्‍वलन के साथ शुरू हुआ आज का आयोजन गोल्‍डेन फ्यूचर पब्लिक चेरिटेबिल ट्रस्‍ट के बैनर तले होने वाले पहली अक्‍टूबर के समारोह का दूसरा प्रीइवेन्‍ट था। इससे पूर्व 10 सितम्‍बर को कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए चार प्रतियोगिताओं का आयोजन सेंट जोसफ कॉलेज की रुचि खण्‍ड रायबरेली रोड शाखा में किया गया था। आज आयोजित प्रतियोगिताओं में युवाओं के लिए भाषण, लेखन, पेंटिंग और नुक्‍कड़ नाटक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनमें कई डिग्री कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों ने हिस्‍सा लिया।

मुख्‍य अतिथि के रूप में शामिल होंगे उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक

मुख्‍य आयोजक शोभित नारायण ने कहा कि‍ 1 अक्‍टूबर को उत्‍सव की तरह आईएमआरटी बिजनेस कॉलेज, गोमती नगर में आयोजित होने वाले मुख्‍य कार्यक्रम में मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और आध्यात्मिक नेताओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित किया गया है। उन्‍होंने बताया कि इस कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को आमंत्रित किया गया है। शोभित ने बताया कि प्रतियोगिताओं के अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पैनल चर्चा, टेक अवे वेलनेस एंड वेलनेस विशेषज्ञ, भोजन, मनोरंजक गतिविधियां और लगभग 50 स्टाल लगाये जायेंगे। इसके अतिरिक्‍त एक कार्यशाला भी होगी और इसमें लगभग 100 पेशेवर भाग लेंगे। प्रतियोगिताओं का मूल्यांकन आठ प्रख्यात न्यायाधीशों द्वारा किया जा रहा है, शीर्ष तीन विजेताओं को एक पुरस्कार, ट्रॉफी और एक प्रमाण पत्र मिलेगा और शेष सभी प्रतिभागियों को भागीदारी प्रमाण पत्र मिलेगा।

उन्‍होंने कहा कि चूंकि गोल्डन फ्यूचर एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है, उत्‍सव का उद्देश्य पूरी तरह से लोक कल्याण के लिए है और आयोजन पूरी तरह से गैर-लाभकारी हैं। वे लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को वैश्विक प्राथमिकता बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि यह उत्सव बहुत ही रोचक होने वाला है और यह सभी के लिए सीखने का एक शानदार अनुभव होगा।

मनोवैज्ञानिक कारणों से हुई समस्‍या का हल भी मनोविज्ञान से तलाशें

नूरमंजिल मानसिक अस्‍पताल की डॉ अंजली गुप्‍ता ने कहा कि आजकल मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर लोगों ने फि‍ल्‍मों व अन्‍य साधनों के माध्‍यम से जागरूकता बढ़ रही है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि समस्‍या होने पर बहुत से लोग यह सोचते हैं कि यह अपने आप ठीक हो जायेगी, बहुत से लोग झाड़-फूंक के चक्‍कर में पड़ जाते हैं, जो कि गलत है। उन्‍होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक कारणों से पैदा हुई समस्‍या मनोवैज्ञानिक तरीके से ही ठीक होगी। समारोह में शामिल हुए गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर रिसर्च के कन्‍सल्‍टेंट डॉ गौरांग गुप्‍ता, ‘फेदर्स’ (सेंटर फॉर मेंटल हेल्‍थ) की फाउंडर, क्‍लीनिकल साइकोलॉजिस्‍ट सावनी गुप्‍ता, गोल्‍डन फ्यूचर पब्लिक चेरीटेबिल ट्रस्‍ट की फाउंडर ट्रस्‍टी कुमकुम अग्रवाल, पति परिवार कल्‍याण समिति के कपिल मोहन चौधरी, रूबरू हीलिंग के डॉ आकाश पाल, हस्‍त शिल्‍प कला केंद्र की पुनीता भटनागर, परवरिश निरालानगर की कुसुम, नाबार्ड की शिखा त्रिपाठी, रामकृष्‍ण मठ के हरिओम ने भी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर अपने विचार व्‍यक्‍त किये।

प्रतियोगिताओं के परिणाम

आज आयोजित नुक्‍कड़ नाटक प्रतियोगिता में प्रस्‍तुत किये गये नाटकों के माध्‍यम से मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में जानकारी दी गयी। इन नाटकों में कोविड के दौरान और कोविड के बाद की स्थिति को दर्शाने वाले टीएस मिश्रा कॉलेज ऑफ नर्सिंग की टीम ने प्रथम पुरस्‍कार जीता जबकि मैं पागल नहीं बीमार हूं थीम आधारित नाटक करने वाली आस्‍था किरन नई रोशनी गर्ल्‍स स्‍कूल की टीम को दूसरा स्‍थान मिला तथा श्रीराम स्‍वरूप मे‍मोरियल कॉलेज की टीम द्वारा प्रस्‍तुत नुक्‍कड़ नाटक को तीसरा स्‍थान प्राप्‍त हुआ।

भाषण प्रतियोगिता (हिन्‍दी) में सरस्‍वती डेंटल कॉलेज की सुरेन्‍दर कौर  को प्रथम, श्रीराम स्‍वरूप मे‍मोरियल यूनिवर्सिटी के वृषिराज को दूसरा और सिटी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट की सुषमा सिंह को तीसरा स्‍थान मिला, जबकि भाषण प्रतियोगिता (अंग्रेजी) में सरस्‍वती डेंटल कॉलेज की नेहा चौधरी को प्रथम, सरस्‍वती डेंटल कॉलेज की ही प्रिधी श्रीवास्‍तव को दूसरा तथा नौशीन फातिमा को तीसरा स्‍थान हासिल हुआ।

अंग्रेजी लेखन में सिटी कॉलेज की निवेदिता मिश्रा को पहला, सरस्‍वती डेंटल कॉलेज की महक तुल्‍सयान को दूसरा तथा सिटी कॉलेज की सुनिधि पटेल को तीसरा स्‍थान मिला, जबकि हिन्‍दी लेखन में आईटी कॉलेज की अंशिका द्विवेदी को प्रथम, क्‍यूएफ महाविद्यालय, बाराबंकी के शिव सिंह को दूसरा तथा श्रीराम स्‍वरूप मे‍मोरियल यूनिवर्सिटी के परेश यादव को तीसरा स्‍थान हासिल हुआ। पेंटिग प्रतियोगिता में प्रथम स्‍थान कीर्ति वर्मा को, दूसरा स्‍थान सुरुचि मौर्या को तथा तीसरा स्‍थान साहिबा को मिला।

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