-कर्मचारियों की मांगों को लेकर इप्सेफ ने की मुख्यमंत्री से अपील
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि कर्मचारियों की समस्याओं का मिल बैठकर हल निकालें। कई प्रदेश खासतौर से उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के शांतिपूर्ण आंदोलन को गिरफ्तार करके दबाने की बजाय बातचीत करके समाधान करें। निजीकरण की व्यवस्था से देशभर के कर्मचारी आक्रोशित हैं। सरकार ने नियुक्ति एवं पदोन्नति करने की कार्यवाही करके सराहनीय कार्य किया है। इसी तरह से आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की नीति बनाकर उन्हें न्यूनतम वेतन देने तथा रिक्त पदों पर समायोजित करने पर भी निर्णय करना चाहिए।
इप्सेफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा, अशोक कुमार, डॉ के के सचान, प्रवक्ता सुनील यादव तथा राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वेतन विसंगतियों के संबंध में वेतन समिति की संस्तुतियों पर तत्काल निर्णय करें तथा लंबित सेवा नियमावलियों का प्रकाशन तथा भत्तों की कटौती पर पुनर्विचार करें।
नेताओं ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी पूरी निष्ठा से सेवाएं दे रहे हैं इसका प्रमाण स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर नर्सेज ,फार्मासिस्ट ,लैब टेक्नीशियन, प्रयोगशाला सहायक, एक्सरे टेक्नीशियन, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी एवं नगर निगम एवं नगर पंचायतों के भी कर्मचारी प्रमाण हैं। कोविड-19 की ड्यूटी में लगे कर्मचारी जो दिवंगत हो गए है के परिवार को 50 लाख रुपए तथा मृतक आश्रित को नौकरी एवं देयको का भुगतान तत्काल कराएं ,जिससे कि नाराजगी दूर हो जाए।
उन्होंने कहा कि इप्सेफ का सहयोगात्मक दृष्टिकोण रहा है और रहेगा, बशर्ते सरकार भी सकारात्मक निर्णय करें। इप्सेफ का 14 अक्टूबर का धरना-प्रदर्शन प्रदर्शन कार्यक्रम यथावत रहेगा, सभी कर्मचारियों से अपील है कि उसे सफल बनायें।