-सीएमओ ने महानिदेशक को पत्र लिखकर लगायी गुहार, आये दिन हो रहे अपमान के बीच डॉक्टरों का काम करना हो रहा मुश्किल
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाओं में एक और घटना का इजाफा हो गया है, रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भरी सभा में जिलाधिकारी द्वारा अपशब्द कहे जाने की शिकायत स्वयं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने महानिदेशक से पत्र भेजकर की है।
रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय कुमार शर्मा ने महानिदेशक को संबोधित पत्र में लिखा है कि रायबरेली के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने दुर्व्यवहार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। घटना के बारे में उन्होंने लिखा है कि 4 सितंबर को शाम को नोडल अधिकारियों की मीटिंग में भरी सभा में जिलाधिकारी ने अपशब्दों की सभी सीमाएं लांघ दीं। पत्र के अनुसार इस बैठक में सीडीओ, एसडीएम सदर, सीओ सिटी, के साथ ही डॉ मुनींद्र नारायण, डॉ बीरबल, डॉ एके चौधरी, डॉ राधाकृष्ण, डॉ बैसवार, डॉ जैसल, डॉ शम्स रिजवान, डीपीएम राकेश, डॉ शरद कुमार वर्मा, डीएमओ आदि उपस्थित थे।
सीएमओ के पत्र के अनुसार भोजन व्यवस्था के प्रभारी डॉ मनोज शुक्ला ने अपनी पत्नी की प्री कैंसर की स्थिति को डायग्नोज करवाने की सूचना देते हुए सीएमओ से लखनऊ जाने की इजाजत मांगी थी, सीएमओ का कहना है कि डॉ शुक्ला की इन परिस्थितियों को देखकर उन्होंने उन्हें लखनऊ जाने की इजाजत दे दी। सीएमओ के अनुसार 4 सितम्बर की शाम का हुई बैठक में जिलाधिकारी को जब यह बात पता चली कि डॉ मनोज शुक्ला नहीं है तो वह उनके साथ गालीगलौज पर उतर आए, और भरी सभा में अपशब्दों की बौछार कर दी।
सीएमओ ने लिखा है कि अपना अपमान देखकर मेरी तबीयत बिगड़ गई और मैं मीटिंग छोड़कर बाहर चला आया। डॉ शर्मा ने पत्र में लिखा है कि जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव चिकित्सा अधिकारियों के से अपमान की भाषा आए दिन बोलते रहते हैं। इन परिस्थितियों में हम कोरोना वायरस का काम करना लगभग असंभव सा हो गया है। उन्होंने पत्र में अनुरोध किया है कि चिकित्सकों की गरिमा एवं सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक एवं उचित कार्यवाही करने का कष्ट किया जाए। अपने इस पत्र की प्रतिलिपि डॉ शर्मा ने प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की रायबरेली शाखा के साथ ही उत्तर प्रदेश शाखा को भी भेजी है। ज्ञात हो पिछले दिनों चिकित्सा अधिकारियों के साथ विभिन्न जनपदों में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार की शिकायत करते हुए प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा था।