० 12 दिसम्बर को देश भर में धरना प्रदर्शन, 7 फरवरी को दिल्ली में रैली
० इंडियन पब्लिक सर्विस फेडरेशन ऑफ इंडिया ने की आंदोलन की घोषणा
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कर्मचारियों को राजनीतिक अधिकार दिए जाने की जोरदार मांग के साथ नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन योजना की बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन, सुव्यवस्थित शिकायत निवारण तंत्र लागू करने, निजीकरण, संविदा और ठेकेदारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर इंडियन पब्लिक सर्विस फेडरेशन ऑफ इंडिया के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन आज महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए । इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न मांगों की पूर्ति ना होने के कारण देशभर के कर्मचारी आंदोलन को विवश हैं।
आगामी 12 दिसंबर को देश के सभी राज्यों के समस्त जनपदों में कर्मचारियों द्वारा इप्सेफ के बैनर तले धरना और प्रदर्शन किया जाएगा, प्रदर्शन के उपरांत स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री सहित उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भी प्रेषित किया जाएगा। इसके बाद 5 जनवरी 2020 को मध्य प्रदेश के भोपाल में पुनः राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न होगी, जिसमें कार्यक्रम की समीक्षा की जाएगी । इसके बाद 7 फरवरी 2020 को दिल्ली में राष्ट्रव्यापी रैली करने का भी निर्णय लिया गया जिसमें पूरे भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों के कर्मचारी भागीदारी करेंगे तथा अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
लखनऊ के जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र के सभागार में आज संपन्न हुई कार्यकारिणी की 2 दिवसीय बैठक में देश भर के विभिन्न राज्यों के संगठनों के अध्यक्ष व महामंत्री ने इप्सेफ की प्रमुख मांगों पर अपने विचार रखे तथा आंदोलन की आवश्यकता बताते हुए कर्मचारियों में पनप रहे आक्रोश के बारे में सदन को अवगत कराया, यह सुझाव दिया कि देश के कर्मचारी अब आंदोलन की मनःस्थिति में है, मुख्यतः उत्तर प्रदेश से कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के महामंत्री शशि कुमार मिश्र, गुजरात से इप्सेफ के उपाध्यक्ष विष्णु भाई पटेल, हरियाणा से शिव कुमार पाराशर वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र से सुभाष कुमार गांगुडे, राजस्थान से पुरुषोत्तम, उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश कुमार मिश्र, संगठन प्रमुख डॉ के के सचान, महामंत्री अतुल मिश्रा एवं अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत, इप्सेफ के प्रवक्ता एवं राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव, दिल्ली से महात्मा महतो, पंजाब से हरविंदर कौर, मध्य प्रदेश से एसबी सिंह, एमपी द्विवेदी, बिहार से अमरेंद्र सिंह आदि ने अपने विचार रखे।
इप्सेफ के महामंत्री प्रेमचंद ने बताया कि बैठक में कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए आंदोलन का निर्णय लिया गया तय हुआ कि बड़े आंदोलन से पूर्व सभी राज्यों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा । दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश ,पंजाब बिहार, महाराष्ट्र, उत्तरांचल सहित अनेक राज्यों में बैठकें की जाएंगी, जिसका कार्यक्रम जल्द ही तय कर दिया जाएगा । बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की गई कि वह इप्सेफ की मांगों पर स्वयं बैठक करके सकारात्मक निर्णय करें देश भर के करोड़ों कर्मचारियों एवं सरकार के बीच सद्भाव का वातावरण बनाने में सहयोग करें।
इप्सेफ के अध्यक्ष वीपी मिश्रा एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिव कुमार पाराशर सुभाष कुमार गांगुली एवं विष्णु भाई पटेल ने देश के कर्मचारी संगठनों से अपील की है कि अपना अस्तित्व बचाने एवं मांगों को पूरा कराने के लिए एकजुट होकर संघर्ष के लिए तैयार हो जाए, अन्यथा की स्थिति में देशभर में नियमित कर्मचारियों की जगह एजेंसियों से आउटसोर्सिंग एवं संविदा के रूप में कर्मचारी ही रह जाएंगे, इन कर्मचारियों का कोई भविष्य भी नहीं है इनके लिए कोई नीति नहीं है । इसके साथ ही देश की सरकार निजी करण की व्यवस्था लागू करने की राह पर है जो जनता के लिए कभी हितकर नहीं हो सकता ।
नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों के धन कि कोई सुरक्षा नहीं है जिससे भविष्य अंधकारमय प्रतीत होता है। देश के युवाओं को रोजगार केवल ठेकेदारी के माध्यम से अगर मिलेगा तो उनका भविष्य क्या होगा ? इसलिए देश के कर्मचारियों को जागने की जरूरत है । आज कार्यकारिणी की बैठक इस संकल्प के साथ समाप्त हुई की देश के सभी कर्मचारी अब एकजुट होकर संघर्ष के लिए तैयार है ।
वी पी मिश्र ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले परिषद के पदाधिकारी राजीव तिवारी, राजेश कुमार चौधरी, अजय पांडेय, मानवेन्द्र सिंह, डॉ पी के सिंह, सुनील कुमार, कमल श्रीवास्तव, प्रणय सिंह, सुभाष श्रीवास्तव, ऋषभ तिवारी को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया।