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‘स्कूलों में ड्रग टेस्टिंग की अनिवार्यता’ जैसे विवादित विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता

-टॉक्सिकोलॉजी सप्ताह टॉक्सिकोमेनिया के चौथे दिन आयोजित हुआ डिबेट कॉम्प्टीशन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। टॉक्सिकोलॉजी यूनिट, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग केजीएमयू द्वारा मनाये जाने वाले टॉक्सिकोलॉजी सप्ताह टॉक्सिकोमेनिया 2.0 के चौथे दिन विवादास्पद विषय स्कूलों में ड्रग टेस्टिंग की अनिवार्यता’की प्रभावशीलता’ पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई।

यह जानकारी देते हुए टॉक्सिकोलॉजी यूनिट की इंचार्ज डॉ शिउली ने बताया कि विभिन्न संस्थानों के पंद्रह छात्रों ने प्रतियोगिता में भाग लिया, और नीति के पक्ष और विपक्ष में तर्क प्रस्तुत किए। दोनों पक्ष का निर्णय ला मार्टिनियर कॉलेज के प्रिंसिपल गैरी डी. एवरेट और प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर अमिता पांडे द्वारा किया गया।

समर्थकों ने तर्क दिया कि छात्रों के बीच मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने और सुरक्षित शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य ड्रग टेस्टिंग एक महत्वपूर्ण उपकरण है। जबकि विरोधियों ने विपक्ष में तर्क देते हुए कहा कि यह छात्रों के गोपनीय अधिकारों का उल्लंघन करता है और एक प्रभावी निवारक नहीं हो सकता है। प्रस्तुत तर्कों के गहन मूल्यांकन के बाद, मेहवाश अहमद को प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया। ख़ुशी बंसल उपविजेता रही। यह प्रतियोगिता छात्रों के लिए जटिल मुद्दे की विवेचना, उनकी आलोचनात्मक सोच और वार्तालाप कौशल को विकसित करने के लिए अत्यधिक लाभप्रद रही।

ज्ञात हो टॉक्सिकोमैनिया 2.0 मादक द्रव्यों के सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिए फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग, टॉक्सिकोलॉजी यूनिट द्वारा आयोजित एक सप्ताह तक चलने वाला कार्यक्रम है। इस आयोजन में विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ, जैसे वाद विवाद प्रतियोगिता, वृक्षारोपण अभियान, कार्यशालाएँ और पैनल चर्चा सम्मिलित हैं।

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