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108 कुंडीय महायज्ञ से होगी डीएवी कॉलेज के शताब्‍दी समारोह की शुरुआत

-23 दिसम्‍बर से आरम्‍भ होने वाले समारोह में वर्ष भर तक आयोजित होंगे विभिन्‍न कार्यक्रम

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। दयानंद ऐंग्‍लो वैदिक (डीएवी) कॉलेज का शताब्‍दी समारोह आगामी 23 दिसम्‍बर को 108 कुण्डीय महायज्ञ से प्रारंभ होगा। कोविड महामारी के चलते विलम्‍ब से आयोजित होने वाला यह समारोह वर्ष भर चलेगा। 23 दिसम्‍बर को होने वाले 108 कुंडीय महायज्ञ में उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि (मुख्य यजमान) के रूप में तथा युवा नेता नीरज सिंह, विधान परिषद सदस्‍य अवनीश सिंह, पूर्व विधायक सुरेश तिवारी, विधान परिषद सदस्‍य व अध्‍यक्ष भाजपा महानगर लखनऊ मुकेश शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होकर विशिष्ट यजमान होंगे।

यह जानकारी 20 दिसम्‍बर को डीएवी डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ0 राजीव कुमार त्रिपाठी के संयोजन में डीएवी कॉलेज परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कॉलेज के प्रबंधक मनमोहन तिवारी ने दी। उन्‍होंने बताया कि वर्षभर एक के बाद एक कार्यक्रम यथा युवा महोत्सव, नाट्य महोत्सव, कला महोत्सव, सांस्कृतिक उत्सव, कवि सम्मेलन, क्रीड़ा महोत्सव, वाद-विवाद प्रतियोगिता, पुस्तक प्रदर्शनी, व्याख्यान माला, योग शिविर आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के अन्तर प्रदेश स्तर पर महाविद्यालयीय प्रतियोगिताओं के आयोजन होंगे। उन्‍होंने बताया कि अगले वर्ष शताब्दी समारोह का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। मनमोहन तिवारी ने यह भी संकल्प लिया कि इस अवसर पर एक संस्कृत विद्यालय एवं नाट्य एवं संगीत विद्यालय की स्थापना की जाएगी।

इससे पूर्व शताब्दी समारोह के संयोजक डॉ0 सत्यकाम आर्य ने वेदों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। पूर्व प्राचार्य डा0 के0के0 पाण्डेय एवं डॉ0 अंजनी कुमार मिश्र ने डी0ए0वी0 कॉलेज के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शैक्षिक सत्र 4 जुलाई, 1918-19 को आर्य समाज मंदिर गणेशगंज परिसर में डी0ए0वी0 स्कूल की स्थापना पं0 रास बिहारी तिवारी के द्वारा की गई। यह विद्यालय 1920 में हाईस्कूल, 1942-1946 के मध्य इण्टरमीडिएट एवं 1948 में महाविद्यालय बना। 1995-96 ई0 में परास्नातक एवं 1972-73 में विधि स्नातक की मान्यता लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त हुई।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0(डा0) सुधांशु सिन्हा, आन्तरिक गुणवत्ता एवं मूल्यांकन प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रो0(डॉ0) संजय तिवारी, प्रो0 सुधीर शुक्ल,प्रो0 मणीन्द्र तिवारी, बी0एन0 ओझा, नित्यानन्द पाण्डेय, शुभम सिंह, देवेन्द्र सिंह, गजेन्द्र सिंह, विपुल त्रिपाठी आदि विशेष  रूप से उपस्थित रहे।

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