Saturday , November 23 2024

केजीएमयू आइये और जानिये, कैसे बचें रक्‍त संबंधी रोगों से

-रक्‍त संबंधी रोगों से बचाव के लिए केजीएमयू में चलेगी अब प्रीवेंटिव हेमेटोलॉजी क्लिनिक

-क्‍लीनिक में आने वाले लोगों को विशेषज्ञ बतायेंगे खून संबंधी रोगों से बचने के आसान तरीके

-समारोहपूर्वक औपचारिक उद्घाटन, शनिवार से मरीजों के लिए शुरू होगी क्‍लीनिक

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। खून से सम्‍बन्धित बीमारियों के इलाज की व्‍यवस्‍था तो होनी चाहिये लेकिन अगर समय रहते इन बीमारियों को रोक लिया जाये या यूं कहें कि इन बीमारियों से बचा जाये तो इससे अच्‍छी बात ही नहीं हैं। कुछ ऐसी ही सोच रखकर भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी योजना एनीमिया मुक्‍त भारत के क्रियान्‍वयन के लिए यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में क्‍लीनिकल हेमेटोलॉजी विभाग द्वारा प्रीवेंटिव हेमेटोलॉजी क्‍लीनिक प्रारम्‍भ किया गया। इसका औपचारिक उद्घाटन आज केजीएमयू के सेल्‍बी हॉल में समारोहपूर्वक किया गया।

एनीमिया मुक्त भारत योजना को शीघ्र ही सफल बनाने की कोशिश : ले.ज.डॉ बिपिन पुरी

इस मौके पर कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी ने कहा रुधिर रोग निवारक स्वास्थ क्लीनिक के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रमों के उद्देश्य को बेहतर तरीके से प्राप्त करके अच्छे परिणाम प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा भारत सरकार द्वारा संचालित योजना “ एनीमिया मुक्त भारत “अभियान का उद्देश्य सामाजिक स्तर पर लोगों में ऐसा व्यवहार लाना है जिससे एनीमिया रोग से हम बच सकें। केजीएमयू में प्रिवेंटिव हेमटोलॉजी क्लीनिक भी इसी उद्देश्य में काम करेगी जिससे एनीमिया मुक्त भारत योजना को शीघ्र ही सफल बनाया जा सके।

गेस्ट स्पीकर डा0 तूलिका सेठ, एम्स, दिल्ली ने विस्तृत रूप से रुधिर रोंगों एवं उपचारों की जानकारी देकर मार्गदर्शित किया। उन्होंने बताया विभिन्न हेमटोलॉजीकल रोग जैसे – आयरन की कमी एनीमिया, विटामिन बी 12 की कमी एनीमिया, अस्थि मज्जा सप्रेशन, थैलेसिमिया, हिमोफिलिया और दवा जनित एनीमिया, थ्रम्बोटिक एपिसोड (आरटीरियल और वीनस) की प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सकती है।

कार्यक्रम में उपस्थित डा0 अनुपम सचदेवा, गंगाराम हास्पिटल, दिल्ली ने कहा कि क्लिनिकल हेमेटोलॉजी रक्त और रक्त संबंधी विकारों की देखभाल से सम्बंधित है। इनमें पोषण संबंधी रक्ताल्पता, हीमोलिटिक रक्ताल्पता, अस्थि मज्जा विफलता सिंड्रोम, प्लेटलेट विकार, माइलोडिसप्लासिया, रक्तस्राव और थक्के विकार (हीमोफिलिया और अन्य), ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मायलोमा और अन्य दुर्लभ हेमटोलॉजिकल घातक और गैर-घातक विकार और परामर्शात्मक हेमटोलॉजी शामिल हैं।

उपचार से बेहतर रोकथाम में छिपी है प्रगतिशील समाज की कुंजी : प्रो एके त्रिपाठी

इस अवसर पर डॉ ए0 के0 त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष, क्लिनिकल हेमटोलॉजी  ने बताया कि क्लीनिक में भाग लेने वालों को डॉक्टर और स्वास्‍थ्‍य कर्मियों द्वारा सलाह दी जायेगी, क्लीनिक में उपयोगी जानकारी और सलाह देने के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे।  सहभागियों को मौखिक रूप से तथा साथ ही साथ साहित्य, पम्प्लेट्स और वीडियो के माध्यम से भी बताया जायेगा की रक्त रोगों से खुद को कैसे बचा सकते हैं।  उन्होंने कहा मुफ्त योजनाओं के बावजूद आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपनी आमदनी का मुख्य भाग उपचार पर खर्च करता है। इससे परिवार पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि‍ एक स्वस्थ, सुखी और प्रगतिशील समाज की कुंजी बीमारी के उपचार से बेहतर रोकथाम में निहित है। उन्‍होंने बताया कि क्‍लीनिक प्रत्‍येक शनिवार को चलेगी।

इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ विनीत शर्मा, रेस्‍पेरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्‍यक्ष प्रो सूर्यकान्‍त भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डा0 स्वाति सिन्हा द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम समापन डा0 एस पी वर्मा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.