पशुओं के दूध के सहारे प्रवेश करने के हो जाता है व्यक्ति इस ड्रग का रेजिस्टेंट
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना, अब इस दवा के पैक पर लिखनी होगी चेतावनी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ/नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने drug colistin और इसके फॉर्मूलेशन के दुधारू पशुओं, कुक्कुट, एक्वा फार्मिंग और पशुओं के आहार में प्रयोग करने पर रोक लगा दी है, इसका कारण मनुष्यों को इससे होने वाले नुकसान है। केंद्र सरकार ने बीती 19 जुलाई को अधिसूचना जारी करके यह रोक लगाई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार की जानकारी में यह लाया गया है कि दुधारू पशुओं, कुक्कुट, एक्वा फार्मिंग और पशुओं के आहार में colistin और इसके फॉर्मूलेशन का उपयोग मनुष्य के लिए हानिकारक है। अधिसूचना में कहा गया है की औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड ने इस मामले पर विचार किया है और colistin और इसके फॉर्मूलेशन को निषिद्ध करने की सिफारिश की है, इसलिए औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 (1940 का 23) की धारा 26 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार इस पर रोक लगा रही है।
अधिसूचना में यह भी निर्देश दिया गया है कि colistin और इसके फॉर्मूलेशन के मैन्यूफैक्चरर्स इस औषधि इसके फॉर्मूलेशन के पैकेज पर स्पष्ट रूप से यह लिखेंगे ‘यह खाद्य उत्पादक पशुओं को जल कृषि और सारा अनुपूरक आहार में उपयोग के लिए नहीं’ ‘NOT TO BE USED IN FOOD PRODUCING ANIMALS, POULTRY, AQUA FARMING AND ANIMAL FEED SUPPLEMENTS’
Colistin से होने वाले नुकसान के बारे में चीफ फार्मासिस्ट सुनील यादव से पूछा तो उन्होंने बताया कि दरअसल एक नामी कम्पनी colistin से बनने वाली दवा का उपयोग मरीज को उस गंभीर अवस्था में दी जाती है जब अन्य एंटीबायटिक असर करना बंद कर देती हैं। उन्होंने कहा कि दुधारू पशुओं, कुक्कुट, एक्वा फार्मिंग और पशुओं के आहार में colistin के प्रयोग को रोकने के पीछे कारण यह समझ आ रहा है कि पशुओं के दूध जिनका प्रयोग मनुष्य करता है, उस दूध के माध्यम से मनुष्य के शरीर में colistin पहुंच जाता है और बग के रूप में प्रतिरोधक हो जाता है, यानी colistin के प्रति मानव शरीर को प्रतिरोधक कर देता है, ऐसी स्थिति में colistin से बनी एंटीबायटिक भी असर नहीं करती है, जो कि मनुष्य के लिए एक तरह से जानलेवा स्थिति बन जाती है। आपको बता दें कि पशुओं में ग्रोथ बढ़ाने के लिए उनके आहार में colistin का प्रयोग किया जाता रहा है।