Friday , November 15 2024

कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर अराजकता का नंगा नाच

-किसान रैली में आएट्रैक्टरों को पुलिस वालों पर चढ़ाने की कोशिश
-तलवार, लाठी-डंडे पत्थरों से पुलिस पर हमला
-किसान और उनके समर्थक हुड़दंग मचाते हुए लाल किले तक पहुंचे
-दिल्ली में घोर अराजकता की स्थिति

लखनऊ/नई दिल्ली। विरोध के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली ने अराजकता का नंगा नाच  ने आज देखा। कृषि कानूनों को वापस लेने के मांग पर अडे किसान संगठनों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने के दौरान जमकर उपद्रव किया। उपद्रव का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि किसानों ने ट्रैक्टर तेजी से चलाते हुए पुलिस वालों पर, आम लोगों पर चढ़ाने की कोशिश की।
पुलिस का कहना है कि किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर रैली निकालने का वादा किया था साथ ही जिस रूट पर जाने की बात हुई थी उस रूट पर न जाकर किसानों ने दोनों वादे तोड़े हैं। अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि उग्र हो चुकी भीड़ में कितने किसान हैं और किसने किसान समर्थक हैं।
प्रदर्शनकारी किसान गाज़ीपुर बॉर्डर से प्रगति मैदान के पास पहुंचे। हजारों की संख्या में ट्रैक्टर के साथ किसान यहां से सेंट्रल दिल्ली की ओर बढ़े।

पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर स्थिति को काबू करने की कोशिश की प्रदर्शनकारी जबरदस्त तोड़-फोड़ पर उतारू हुए। आईटीओ के चौराहे पर इस कदर उपद्रव देखने को मिला है जिसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। आज 26 जनवरी के दिन जब पूरा देश राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मना रहा है उस दिन इस तरह का उपद्रव करना बिल्कुल भी जायज नहीं ठहराया जा सकता।

लोकतंत्र में विरोध की जगह तो है लेकिन विरोध के नाम पर आप अराजकता नहीं कर सकते।  किसानों ने या यूं कहें हमलावरों ने, उपद्रवियों ने तलवार से हमला किया फिलहाल स्थिति बहुत ज्यादा तनावपूर्ण बनी हुई है। किसानों ने दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया है कुष्ठ ट्रैक्टर्स को रोकने में पुलिस कामयाब हुई है।  इस बीच पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़कर हिरासत में भी लिया है।  पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को काबू में करने की कोशिश की। 
इस बीच किसान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि दिल्ली में घुसकर हिंसा, तोड़फोड़ और मारपीट करने वालों का उनके संगठन से कोई वास्ता नहीं है।