भव्य तरीके से मनाया गया केजीएमयू का 15वां दीक्षांत समारोह
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कुलाधिपति व उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने चिकित्सक होने की अनिवार्य डिग्री एमबीबीएस/बीडीएस लेने वाले नये-नवेले युवा चिकित्सकों को दीक्षांत मंत्र देते हुए कहा है कि वे यह प्रण करें कि वे मरीजों के प्रति अपने व्यवहार को संवेदनशील रखेंगे, साथ ही यहां से यह संकल्प लेकर जाएं कि भविष्य में वह जिस भी संस्थान को अपनी सेवाएं प्रदान करें लेकिन उनका पहला लक्ष्य मरीज की सेवा करना हो न कि धन अर्जित करना।
कुलाधिपति ने शुक्रवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि की हैसियत से अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि मानव जीवन में सुगमता प्रदान करना ही चिकित्सा सेवा का एक मात्र लक्ष्य है। केजीएमयू के 15वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री, सुरेश कुमार खन्ना एवं महानिदेशक, भारतीय चिकित्सा एवं आर्युविज्ञान परिषद, नई दिल्ली बलराम भार्गव उपस्थित रहे।
समर्पण एवं सेवाभाव जागृत किया नौनिहालों का
इस समारोह में सरस्वती शिशु मंदिर के लगभग दो दर्जन छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, जिसका उद्देश्य इन नौनिहालों को समाज के वातावरण से अवगत कराते हुए इनमें समर्पण एवं सेवा भाव जागृत करना था। इस अवसर पर इन बच्चों को केजीएमयू पर्यावरण विभाग द्वारा निर्मित झोले में किताबें एवं फल भेंट किए गए। कुलाधिपति ने कहा कि दृढ़ता, सेवाभाव और दबाव में कार्य करने की क्षमता ही एक चिकित्सक को और अधिक बेहतर इंसान और चिकित्सक बनाती है। उन्होंने कहा कि इस साल 50 फीसदी मेडल छात्राओं द्वारा प्राप्त किए गए जो महिला सशक्तिकरण को दर्शाती है।
शासन-प्रशासन को भी दी नसीहत
आनंदी बेन ने शासन और प्रशासन को भी नसीहत देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने का अधिकार प्रत्येक मनुष्य को है इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शासन एवं प्रशासन द्वारा स्वस्थ रखने का पूरा प्रयास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार किए जाने की आवश्यकता है। देश के विकास में सहयोग के लिए यहां के प्रत्येक महिला और पुरुष का स्वस्थ रहना आवश्यक है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार के घरेलू कामकाज के कारण ज्यादातर महिलाएं स्वयं के स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं और इसके एक बड़ा कारण शिक्षा का अभाव भी है। इसके साथ ही बाल विवाह पर कड़ाई से रोक लगाने की बात करते हुए कहा कि बेटियों को अपने जीवन के बारे में सभी निर्णय स्वयं लेने चाहिए जिससे देश के विकास में उनका सहयोग बढ़े।
कुलाधिपति आनंदी बेन ने प्रतीक चिन्ह के स्थान पर किताबें भेंट करने की अपील की जिससे उन किताबों को प्राथमिक विद्यालयों की लाइब्रेरी में दिया जा सके, ताकि बच्चों को पढ़ने एवं ज्ञान अर्जित करने का अवसर प्राप्त हो सके। इस अवसर पर कुलाधिपति द्वारा धनवंतरि दिवस के अवसर पर 34 प्रकार के औषधीय पौधों से सुसज्जित धनवंतरि वाटिका का लोकापर्ण किया गया।
कड़े प्रशिक्षण से तैयार होते हैं बेहतरीन चिकित्सक : सुरेश कुमार खन्ना
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने प्रबोधन में मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक बेहतरीन चिकित्सक बनने के लिए कड़े प्रशिक्षण की जरूरत होती है, साथ ही मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार करके ही आप बेहतर चिकित्सा सेवा कर सकेंगे, उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक को धैर्यवान होना चाहिए साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को निस्वार्थ देशसेवा करने वाला बताते हुए भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार को आमजन हेतु बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सजग एवं प्रतिबद्ध बताया।
46 मेडिकोज को दिए गए मेडल व अवार्ड
इस मौके पर कुलाधिपति एव राज्यपाल द्वारा 46 मेडिकोज को मेडल प्रदान किए गए। मेडल पाने वालों में 50 प्रतिशत संख्या छात्राओं की एवं 50 प्रतिशत संख्या छात्रों की रही। इस वर्ष प्रतिष्ठित हीवेट मेडल वर्ष 2014 एमबीबीएस की छात्रा सना मोहसिन को दिया गया, जबकि आकर्षि गुप्ता को चांसलर मेडल दिया गया। सना मोहसिन ने एमबीबीएस की फाइनल प्रोफेशनल की परीक्षा में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि एमबीबीएस के सभी प्रोफेशनल वर्ष में शानदार प्रदर्शन किए जाने पर आकर्षि गुप्ता को चांसलर मेडल दिया गया। इसके साथ ही आकर्षि गुप्ता सबसे ज्यादा मेडल पाने वाली स्टूडेंट बनी। उन्हें कुल 25 मेडल मिले, इसमें से 16 गोल्ड, 04 सिल्वर मेडल, 02 बुक प्राइजेज और 03 कैश प्राइज शामिल हैं।
दीक्षांत समारोह में दो नए मेडल डॉ सिद्धार्थ कुमार दास गोल्ड मेडल अवार्ड एवं डॉ टीएन चावला अवॉर्ड की शुरुआत की गई। डॉ सिद्धार्थ कुमार दास गोल्ड मेडल अवार्ड डॉ इन मेडिसिन (रिह्मेटोलॉजी) सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र डॉ सौरव प्रधान को दिया गया। इसके साथ ही डॉ टीएन चावला गोल्ड मेडल डेंटल साइंस में परास्नातक की छात्रा डॉ मीनाक्षी वी0 को सर्वोत्तम परास्नातक छात्रा होने के लिए प्रदान किया गया।
इनको मिले मेडल व अवार्ड
डॉ शालिनी सिंह 02 गोल्ड, डॉ पुनीत प्रकाश, डॉ सौरभ गुप्ता, डॉ सागरिका महापात्रो, डॉ समीर एम0 हलगेड़ी, डॉ समर्थ अग्रवाल, डॉ सौरव प्रधान, डॉ परमिंदर सिंह मंघेरा, डॉ ज्योति, डॉ विकास जानू, डॉ प्रतिभा सिंह, डॉ शशांक कुमार, डॉ चन्द्रमौली मिश्रा, डॉ सुगंधि शर्मा, डॉ शिखा आनन्द, डॉ खुशबू पाण्डेय, डॉ रोहिन के0 सैनी, डॉ उमेश चन्द्र त्रिपाठी, डॉ आकाश खण्डेलवाल, डॉ कुन्तल कुमार सिन्हा, डाॅ0 निकिता पाण्डेय, डॉ नईम शरीफ, डॉ चन्द्रशेखर पाण्डेय, डॉ यरगुंतला किरन कुमार, डॉ अभिलाषा सिन्हा, डॉ तान्या दीक्षित, डॉ बापी बर्मन, डॉ अंजिल सचान, डॉ जयदेव एस, डॉ केके चौबे, डॉ नुपूर श्रीवास्तव, डॉ स्वाती प्रियदर्शनी, डॉ अनामिका दास, डॉ आफताब अहमद अंसारी, डॉ निशांत कुमार जायसवाल, डॉ शैफाली गोयल, डॉ अंजलि यादव, डॉ पल्लवी पारसरामका, सुश्री अंशू को 01-01 स्वर्ण पदक एवं डॉ दिव्या सरीन को स्व0 डॉ जान्हवी दत्त पाण्डेय छात्रवृत्ति, धनराशि 30 हजार रूपए बेस्ट एमडी थिसिस के लिए प्रदान की गई।
कुलपति ने गिनायीं उपलब्धियां
कार्यक्रम के शुभारम्भ में सम्बोधन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर कुलपति ने विगत एक वर्ष में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय के सोशल आउटरीच सेल द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों के दूरस्त क्षेत्रों एवं आदिवासियों बस्तियों में अपने निशुल्क शिविरों के माध्यम से निशुल्क चिकित्सा सेवाओं एवं औषधियों का वितरण करता आ रहा है। इस वर्ष सोशल आउट रीच सेल द्वारा प्रदेश के 13 जिलों- लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, बाराबंकी, कानपुर, गोरखपुर, हरदोई, अमेठी, सोनभद्र, बलरामपुर, गोण्डा एवं हैदरगढ़ में 120 शिविरों के माध्यम से 43 हजार से अधिक आम जनमानस को निशुल्क चिकित्सा सेवाओं एवं औषधियों का वितरण किया गया।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त सोशल आउट रीच सेल द्वारा भाउराव देवरस न्यास, लखनऊ तथा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से प्रदेश हैदरगढ़, रायबरेली, लखनऊ, बाराबंकी तथा कानपुर जिलों के बस डिपों में कार्यरत कर्मचारियों हेतु निशुल्क नेत्र परीक्षण शिविरों का आयोजन किया गया जिसके अंर्तगत जिसके अन्तर्गत 6144 चालक/परिचालकों का नेत्र परीक्षण करत हुए 775 परिचालकों को चष्मों का निःशुल्क वितरण किया गया।
कुलपति ने बताया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय के सोषल आउटरीच की सबसे बड़ी उपलब्धि प्रयागराज में आयोजित कुम्भ मेले में नेत्र कुम्भ के आयोजन के द्वारा प्राप्त हुई है जिसके अन्तर्गत सोशल आउटरीच सेल, केजीएमयू द्वारा भाऊराव देवरस सेवा न्यास, लखनऊ के सहयोग से 7 जनवरी-2019 से 8 मार्च-2019 तक नेत्र कुम्भ का आयोजन किया गया जिसमें नेत्र विभाग की 2 तथा सामान्य विभाग की। ओपीडी सेवाएं संचालित रहीं। इन ओपीडी सेवाओं में चिकित्सा विश्वविद्याय के चिकित्सक, रेजीडेन्ट डाक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा 20201 मरीजों को निःशुल्क नेत्र चिकित्सा प्रदान करते हुए इनमें से 15521 मरीजों को निःशुल्क चश्मे का वितरण किया गया जबकि सामान्य रोग की ओपीडी के अन्तर्गत 21307 मरीजों का विभिन्न रोगों के सन्दर्भ में निःशुल्क चिकित्कीय परामर्श उपलब्ध कराया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त सोशल आउटरीच सेल, केजीएमयू द्वारा बच्चों में होने वाली अत्यन्त ही घातक बीमारी जापानी इन्सेफ्लाइटटिस तथा एक्यूट इन्सेफ्लाइटटिस से गोरखपुर जिले के सर्वाधिक प्रभावित गांव भड़साड़ सन्खकुल में इसके प्रभाव एवं पुनरावृत्ति को नगण्य करने में दिखी। इसी वर्ष सोशल आउट रीच सेल द्वारा आरेाग्य भारती(अवध प्रान्त) के संयुक्त तत्वावधान में गोरखपुर जिले के जापानी इन्सेफ्लाइटटिस तथा एक्यूट इन्सेफ्लाइटटिस से सर्वाधिक प्रभाव गांव भड़साड़ सन्खकुल गांव में जनवरी-2018 से दिसम्बर-2018 तक पूरे वर्ष स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम का संचालन किया गया जिसके अन्तर्गत 1 वर्ष से 16 वर्ष की आयु तक के कुल 3283 बच्चों को प्रत्येक माह पुष्य नक्षत्र के दिन 4 से 6 बूंदें स्वर्ण प्राशन की दी गईं जिसके अत्यन्त ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए कि वर्ष 2018 में उस गांव में एक भी जेई एवं एईएस से प्रभावित प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। उन्होंने
बताया कि सोशल आउटरीच सेल, केजीएमयू तथा भाऊराव देवरस सेवा न्यास, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में निरालानगर, लखनऊ में अन्त्योदय हेल्थ मिशन के अन्तर्गत नेत्र कुम्भ ओपीडी का संचालन बीती 8 अप्रैल से प्रत्येक सोमवार से शनिवार तक अपरान्ह 3 से 5 बजे तक विश्वविद्यालय के नेत्र चिकित्सक एवं नेत्र सहायक द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान तक उपरोक्त बाह्य रोगी सेवाओं के द्वारा 4432 मरीजों को नेत्र उपचार, मोतियाबिन्द सर्जरी तथा अन्य पैथोलॉजिकल जांचें निःशुल्क प्रदान करते हुए इनमें से 3079 मरीजों केा निःशुल्क चश्मों का वितरण किया जा चुका है।
कुलपति ने बताया कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सोशल आउटरीच सेल की आम-जनमानस के स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियां मात्र प्रदेश तक ही सीमित नहीं हैं, अपिुत सम्पूर्ण देश के विभिन्न राज्यों में भी गतिमान हैं। विगत वर्ष सोशल आउटरीच सेल द्वारा नेशनल मेडिकोज़ आर्गेनाईजेशन के सहयोग से असम राज्य में धनवंतरि स्वास्थ्य सेवा यात्रा, जम्मू-कश्मीर में ऋषि कष्यप सेवा यात्रा, केरल एवं तमिलनाडु राज्य में ऋषि अगस्त स्वास्थ्य सेवा यात्रा तथा कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानन्द आरोग्य रक्षा यात्रा के अंतर्गत लगभग 10 हजार से अधिक आम-जनमानस को निःशुल्क चिकित्सा सेवायें एवं औषधियों का वितरण किया गया है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सोशल आउटरीच सेल द्वारा आम-जनमानस के हितार्थ प्रदेश के साथ देश के अन्य राज्यों में निःशुल्क् चिकित्सा शिविरों के माध्यम से अभी तक 3 लाख से अधिक लोगों को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जा चुका है और यह जनहितार्थ सेवायें आगे भी गतिमान हैं। उन्होंने बताया कि पेरियाडॉन्टोलॉजी विभाग द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए चेतना संस्थान, अंलीगज, लखनऊ में शिविर का आयेाजन किया गया जिसमें 225 बच्चों के दन्त स्वास्थ्य का परीक्षण करते हुए निःशुल्क टूथब्रश तथा टूथपेस्ट का वितरण किया गया और इसी क्रम में पेरियाडॉन्टोलॉजी विभाग द्वारा किड्स किंगडम प्रिपरेटरी स्कूल, गोमतीनगर, लखनऊ, रसूलपुर असिफ अली, गोसाईगंज तथा पीडियाट्रिक एवं प्रिवेन्टिव डेन्टिस्ट्री विभाग द्वारा सिधौली(सीतापुर) प्राथमिक स्कूल करोधिया, ग्राम सिधौली(सीतापुर), प्राथमिक विद्यालय एवं जूनियर हाईस्कूल, प्राथमिक विद्यालय, ग्राम-सरसौधी, देवां जिला-बाराबंकी तथा प्राथमिक विद्यालय एवं जूनियम हाईस्कूल, लाजपत नगर, चौक, लखनऊ में विभिन्न दन्त चिकित्सा शिविरों के माध्यम से 700 से अधिक बच्चों एवं आम-जनमानस को दन्त चिकित्सकी परामर्श तथा निःशुल्क दवाइयों का वितरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य के प्रेरणास्वरूप केजीएमयू में पंजीकृत एवं उपचार प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के टीबी के मरीजों को सुगम चिकित्सकीय परामर्श तथा पुष्टाहार प्रदान करने के लिए केजीएमयू रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के नेतृत्व में कुल 31 मरीजेां को गोद लिया गया है। इसके साथ ही पिछले साल 2 अक्टूबर-2018 को प्रो सूर्यकान्त के नेतृत्व में अर्जुनपुर ग्रामसभा को टीबी मुक्त, लखनऊ अभियान के अन्तर्गत टीबी मुक्त कराने के लिए गोद लिया गया है तथा बीती 30 अप्रैल को ऐशबाग, मोतीझील, मलिन बस्ती को भी टीबी मुक्त के लिए गोद लिया गया है।
कुलपति ने बताया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय का ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग प्रदेश का पहला संस्थान है जहो पर नैट टेस्टिंग की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि माइक्रोबायलोजी विभाग को अपनी उत्कृष्ट लैब परीक्षण गुणवत्ता के दृष्टिगत इस वर्ष नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ लेबोरेट्री फॉर टेस्टिंग एण्ड कलीबरेशन (एनएबीएल) का प्रमाणन प्राप्त हुआ है। क्षय रोग के परीक्षण के लिए विभाग में 16 माड्यूल जीन-एक्सपर्ट मशीन को स्थापित किया गया है। माइक्रोबायलोजी विभाग द्वारा 40 से अधिक विषाणुजनित रोगों के परीक्षण को सम्पादित किया जाता है जिसके अन्तर्गत डेंगू, एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस एवं इन्फलुऐन्जा इत्यादि सम्मिलित है।
कुलपति ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री के देश के निर्बल एवं असहाय लोगों को भी समुचित चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत पूर्ण देश में लागू की कई आयुष्मान भारत योजना का चिकित्सा विश्वविद्यालय में सफलतापूर्वक संचालन हो रहा हैं। इस योजना के अन्तर्गत वर्तमान तक 2475 लोगों को पंजीकृत किया गया है तथा जिसके सापेक्ष 1305 लोगों को उपचारित किया जा चुका है। चिकित्सा विश्वविद्यालय में अंग प्रत्यारोपण विशेषतः लिवर के प्रत्यारोपण के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं उपलब्ध कराई गई है। इस कार्य के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय अंग प्रत्यारोपण विभाग, केजीएमयू तथा मैक्स अस्पताल, नई दिल्ली की टीम द्वारा अभी तक 7 लिवर प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक सम्पादित किये गये हैं जिनमें से दो लिवर प्रत्यारोपण कैडवर से प्राप्त लिवर द्वारा किया गया है। जिन मरीजों के लिवर का प्रत्यापरोण किया गया है वह सभी मरीज पूर्णतयाः स्वस्थ हैं। कुलपति द्वारा अपने प्रबोधन के अन्त में चिकित्सा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को जॉर्जियंस की उपाधि की महत्ता के बारे में बताते हुए संस्थान के गौरव को बनाए रखने का संदेश दिया।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं महानिदेशक, भारतीय चिकित्सा एवं आयुर्विज्ञान परिषद, नई दिल्ली बलराम भार्गव ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि वह स्वयं उस पीढ़ी से हैं जिनका नारा जय जवान जय किसान। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश हरित क्रांति एवं श्वेत क्रांति के द्वारा आत्मनिर्भर हो रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के बेहतरीन चिकित्सक हमारे देश में सेवा कर रहे हैं। हमे अब किसी भी प्रकार के इलाज के लिए विदेश नहीं जाना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के द्वारा हमारे चिकित्सक देश के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में भी आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं जो कि एक गौरव की बात है। साथ ही उन्होंने इमरजेंसी मेडिसिन प्रोग्राम एवं आयुष्मान भारत योजना की महत्ता बताई कि आयुष्मान भारत योजना से देश के दस करोड़ परिवार स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं जो कि देश की पचास प्रतिशत से भी अधिक आबादी है। उन्होंने उपाधि लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को सफलता का मंत्र प्रोफेशनल, कॉम्पिटेंसी, अनुशासन और ईमानदारी एवं एकता और समाज के प्रति जिम्मेदारी को बताया।
इस अवसर पर कुलपति द्वारा कुलाधिपति को प्रतीक चिन्ह के रूप में किताबें भेंट कर सम्मानित किया जिसके बाद कुलपति के निवेदन पर कुलाधिपति ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ ही समारोह का समापन हुआ। दीक्षांत समारोह में डायस पर प्रति कुलपति प्रो मधुमति गोयल, परीक्षा नियंत्रक प्रो एके सिंह, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस के अधिष्ठाता डॉ विनोद जैन, डीन मेडिसिन प्रोफेसर डॉ विनीता दास, कुलसचिव डॉ आरके राय मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अपजित कौर एवं प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रो अमिता पाण्डेय ने किया।