-हाईस्कूल-इंटर के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के फॉर्म अग्रसारण की अनुमति देने की मांग उठायी माध्यमिक शिक्षक संघ ने
-संगठन के पदाधिकारियों ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री-उपमुख्यमंत्री को भेजा पत्र
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। सहायता प्राप्त विद्यालय और वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों को जब कक्ष निरीक्षक बनाया जा सकता है, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लगाया जा सकता है, इन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जा सकता है तो फिर आखिर इन्हें हाई स्कूल, इंटरमीडिएट के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के फार्म अग्रसारण करने के अधिकार से वंचित क्यों रखा गया है?
यह प्रश्न उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट की ओर से उठाया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंत्री/उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा को संबोधित पत्र में संगठन के संरक्षक एवं नेता निर्दलीय समूह विधान परिषद राजबहादुर सिंह चंदेल, महामंत्री उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ व पूर्व विधायक विधान परिषद रामबाबू शास्त्री, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व पूर्व सदस्य विधान परिषद चेत नारायण सिंह, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री देव स्वरूप त्रिवेदी तथा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री व प्रवक्ता डॉ महेंद्र नाथ राय ने कहा है कि हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में सम्मिलित होने वाले बालक/ बालिकाओं के बोर्ड परीक्षा फार्म निर्धारित किए गए केंद्रों में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों तथा वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों को शामिल न करना संगठन की दृष्टि में प्रथमदृष्टया विभेदकारी एवं न्याय की गरिमा के विपरीत है, ऐसा करना वर्तमान में चल रहे कोविड-19 महामारी के दौर में समय की आवश्यकता भी है। पत्र में सहायता प्राप्त विद्यालयों तथा वित्तविहीन विद्यालयों को अग्रसारण केंद्र बनाने के लिए आदेश निर्गत करने का अनुरोध किया गया है।