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सैफई मेडिकल विवि को बड़ी सफलता : तैयार की एलोवेदिक दवा से कोरोना के गंभीर रोगी भी हुए निगेटिव

-आईसीएमआर ने भी दी हरी झंडी, मुख्‍यमंत्री ने दिये टेबलेट तैयार करने के निर्देश

-शुरुआत में इसे कोविड अस्‍पतालों में‍ उपलब्‍ध कराया जायेगा, बाद में उपलब्‍ध होगी बाजार में

प्रो. राजकुमार

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ/सैफई। दुनिया भर में गहरा रहे कोरोना संकट के बीच एक अच्‍छी खबर भारत से आयी है, यहां उत्‍तर प्रदेश के सैफई स्थित चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय ने आयुर्वेद और ऐलोपैथ घटकों से तैयार किये गये काढ़े को एलोवेदिक बटी के रूप में तैयार करने की मंजूरी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने दे दी है। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस राजनिर्वाण बटी को तैयार करने के निर्देश दे दिये हैं। अच्‍छी बात यह है कि इस दवा का कोरोना के गंभीर मरीजों पर प्रयोग सफल रहा है, जिन मरीजों पर इसका सफल प्रयोग किया गया है उनमें साठ वर्ष से ज्‍यादा की आयु वाले और गंभीर रोगों दमा, हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज के मरीज शामिल थे। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बात की जानकारी एक प्रेसवार्ता में चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो. राजकुमार ने दी है। डॉ राजकुमार ने बताया कि पहले चरण में यह दवा केवल कोविड-19 अस्पतालों के लिए बनाई जाएगी। बाजार में इसकी उपलब्धता अगले चरण में हो सकेगी। कुलपति प्रोफेसर राजकुमार ने बताया कि उन्होंने ऋषिकेश के आयुर्वेदाचार्य योगीराज निर्वाण देव के साथ मिलकर शोध करके राजनिर्वाण बटी तैयार की है।

कुलपति ने बताया कि आरएनबी साइंटिफिक मेथोडोलॉजी के लेवल- 3 मानक के अनुसार विश्व की पहली एलोवैदिक दवा है। इसमें कुल 12 आयुर्वेदिक दवाओं के घटक हैं। इस बटी पर तीन शोधपत्र जारी हो चुके हैं। डॉ राजकुमार के अनुसार राज निर्वाण बटी (आरएनबी) को 40 कोरोना संक्रमित मरीजों को आरएनबी सुबह-शाम 125 मिली ग्राम, पांच मिली ग्राम शहद के साथ दी गई।

डॉ राजकुमार ने बताया कि इस औषधि को बनाने के लिए आयुर्वेद के 12 और एलोपैथ के 1 घटक को मिलाकर पहले काढ़ा तैयार किया गया। इसके सकारात्मक परिणाम आने के बाद इसे बटी के रूप में बनाया गया। इसका कोरोना संक्रमित 40 गंभीर मरीजों पर परीक्षण किया गया। इसमें 9 मरीज 60 वर्ष की ऊपर के उम्र वाले और 8 मरीज दमा, शुगर, कैंसर और दिल की बीमारी से ग्रसित थे।

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बटी देने के बाद 26 मरीजों की रिपोर्ट पांचवें दिन निगेटिव आ गई। चार मरीज 10वें दिन ठीक हो गए और बाकी दस मरीजों का उपचार चल रहा है। यह रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी गई तो वहां से दवा बनाने की अनुमति मिली है।

उन्होंने बताया कि दवा की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री को दी गई है। उन्होंने इसे कोविड-19 अस्पतालों के लिए तैयार करने को कहा है। संक्रमितों की संख्या घटने के साथ दवा को बनाने में लग रहे घटकों की उपलब्धता के हिसाब से इसे बाजार के लिए भी तैयार किया जाएगा।

कुलपति ने बताया कि आरएनबी साइंटिफिक मेथोडोलॉजी के लेवल- 3 मानक के अनुसार विश्व की पहली एलोवैदिक दवा है। इसमें कुल 12 आयुर्वेदिक दवाओं के घटक हैं। इस बटी पर तीन शोधपत्र जारी हो चुके हैं।