केजीएमयू में आयोजित किया गया धन्वन्तरि जन्मोत्सव समारोह
लखनऊ. प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा है कि सात हजार ईसा पूर्व धनवंतरि का जन्म बताया जाता है। ऋगवेद की रचना से पूर्व भारत में आयुर्वेद था। तीन युगों से पहले भी यहां आयुर्वेद था क्योंकि ऋगवेद और उसके बाद के जितने भी ग्रन्थ हैं सबमें आयुर्वेद का उल्लेख मिलता है। ऋगवेद प्राचीन ग्रन्थ है। यूरोपीय विद्वानों ने भी स्वीकार किया है कि भारत का आयुर्वेद विज्ञान अरब देशों से होता हुआ पश्चिम के देशों में पहुँचा।
विधानसभा अध्यक्ष विश्व आयुर्वेद दिवस के मौके पर मंगलवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सेल्वी हाल में आयोजित धनवंतरि जन्मोत्सव समारोह में बोल रहे थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित और विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यमंत्री स्वाति सिंह मौजूद थीं.
केजीएमयू में मरीजों के साथ नहीं होता है अच्छा व्यवहार
श्री दीक्षित ने कहा कि चिकित्सक का व्यवहार मरीज के लिए बहुत ही मायने रखता है। केजीएमयू में आने वाले मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता है। इसलिए चिकित्सकों को अपने आचरण में सुधार लाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चिकित्सक को लालची नहीं सेवाभावी होना चाहिए। वैद्य का सेवाभाव धनवंतरि के रूप में प्राणिमात्र के प्रति आत्मीय गुणों से युक्त होना चाहिए। चरक ने लिखा है कि अगर वैद्य के मन में लालच पैदा होता है तो उसे लोहे के गोले को आग में जलाकर मुंह में डाल लेना चाहिए।
महिला एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री स्वाती सिंह ने बोलते हुए कहा कि चिकित्सकों के अन्दर सबसे ज्यादा सेवाभाव होता है। उन्होंने कहा कि सेवा की भावना लोगों के मन में जगाने की जरूरत है। धनवंतरि सेवा केन्द्र के कार्यों की सराहना करते हुए स्वाति सिंह ने कहा कि हमारी विधानसभा में लोकबंधु अस्पताल आता है, वहां भी धनवंतरि सेवा केन्द्र खुलना चाहिए।
एलोपैथ में सिर्फ 30 प्रतिशत बीमारियों का इलाज
केजीएमयू के कुलपति प्रो.एमएल बी भट्ट ने कहा कि खराब जीवनशैली अपनाने के कारण लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एलोपैथ में सभी बीमारियों का इलाज संभव नहीं है। एलोपैथ में केवल 30 प्रतिशत बीमारियों का इलाज ही संभव है।
लखनऊ जोन के आईजी जय नारायण सिंह ने कहा कि सरकार की छवि बिगाड़ने और बनाने का काम चिकित्सक और पुलिस विभाग ही करते हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक अमृत का काम करते हैं।
रोटेरियन रंजीत सिंह ने बताया कि केजीएमयू के पूरे परिसर में रोटरी क्लब द्वारा कूड़ादान रखवाया जायेगा। उन्होंने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में जल्द ही एक फ्रीजर दिया जायेगा।
केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने बताया कि धनवंतरि सेवा केन्द्र द्वारा मरीजों को व्हील चेयर और स्ट्रेचर की सुविधा शुरु की गई है। धनवंतरि सेवा केन्द्र का उद्देश्य मरीजों को सहायता उपलब्ध कराना है। मरीजों और परिजनों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल में धनवन्तरि सेवा केन्द्र का शुभारम्भ किया गया है, जल्द ही सिविल अस्पताल में एक केन्द्र खोला जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश पाण्डेय ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और धनवंतरि सेवा केन्द्र के प्रेरक अवधेश नारायण, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी.एन.सिंह,केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस.एन.संखवार, चिकित्सा अधीक्षक डा. विजय कुमार, बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डा. राजीव लोचन, ट्रामा सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.संदीप तिवारी और प्रास्थोडेन्टिस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डा. पूरनचन्द,डा.लक्ष्य,डा.रमाशंकर और डा. मधुबन तिवारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।