-प्रदेश भर के 200 से अधिक लैब तकनीशियन एवं वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित कर रहा SGPGI

सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS), लखनऊ के वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लॅबोरेटरी (VRDL), माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के डेंगू प्रकोष्ठ के सहयोग से, डेंगू एवं चिकनगुनिया की ELISA आधारित प्रयोगशाला जांच पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से चयनित 200 से अधिक लैब तकनीशियन एवं वैज्ञानिकों को चरणबद्ध तरीके से 20 दिनों की अवधि में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रोफेसर संगमयी एस. के. मारक, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, SGPGIMS ने इस बारे में जानकारी दी कि यह कार्यक्रम प्रदेश स्तर पर जांच क्षमताओं को सुदृढ़ करने और मच्छरजनित रोगों के प्रकोप की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
डॉ. अतुल गर्ग, प्रभारी, VRDL प्रयोगशाला, SGPGIMS ने बताया कि प्रशिक्षण में जिन प्रमुख विषयों को शामिल किया गया है, उनमें 1. डेंगू एवं चिकनगुनिया की ELISA आधारित जांच की व्यवहारिक ट्रेनिंग 2. RT-PCR तकनीक द्वारा डेंगू वायरस सीरो-टाइपिंग 3 गुड लैबोरेटरी प्रैक्टिस (GLP) एवं बायोसेफ्टी मानों का अनुपालन तथा 4. गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रियाएं शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव देकर, राज्य भर की प्रयोगशालाओं ने सटीक, एकरूप और गुणवत्तापूर्ण जांच प्रक्रिया सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
डॉ. वी. के. सिंगल, संयुक्त निदेशक, डेंगू प्रकोष्ठ ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश में एक सशक्त नैदानिक नेटवर्क तैयार करेगा, जिससे किसी भी डेंगू या चिकनगुनिया प्रकोप की स्थिति में समयबद्ध और प्रभावी प्रतिक्रिया सभव होगी।
इस पहल के माध्यम से राज्य की वायरल डायग्नोस्टिक क्षमताओं में वृद्धि होगी, जिससे उत्तर प्रदेश मच्छरजनित रोगों से निपटने के राष्ट्रीय प्रयासों में अहम भूमिका निभा सकेगा।

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