वेतन विसंगति शीघ्र दूर करने के निर्देश
ब्लड बैंक में भी की जायेगी फार्मासिस्टों की तैनाती
प्राथमिक उपचार का अधिकार भी दिया जाना संभव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन ने फार्मासिस्टों के सम्बन्ध में अनेक निर्णय लिये हैं, इन निर्णयों में वेतन विसंगति शीघ्र दूर करना, विशेष भत्तों में दस गुना बढ़ोतरी, शीघ्र ही ब्लड बैंक में तैनाती, पेशेंट केयर एलाउन्स (केंद्र के मुकाबले 50 प्रतिशत) जैसे कई निर्णय शामिल हैं। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की कमी को देखते हुए कुछ चुनिंदा दवायें मरीजों को देने के अधिकार पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस प्रकार जहां वेतन के रूप में हर माह मिलने वाली धनराशि में बढ़ोतरी होगी वहीं दवाएं लिखने का अधिकार देकर शासन फार्मासिस्ट की अहमियत भी बढ़ायेगा। इन सभी निर्णयों पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के साथ बैठक में सहमति जताते हुए इसके क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
यह जानकारी देते हुए एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील यादव ने बताया कि वेतन विसंगति शीघ्र दूर करने के लिए प्रमुख सचिव ने बताया कि इसके लिए वह प्रमुख सचिव वित्त विभाग को डीओ (अर्धशासकीय पत्र ) लिखेंगे।
सुनील यादव ने बताया कि प्रमुख सचिव ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की कमी को देखते हुए फार्मासिस्ट को प्राथमिक उपचार का अधिकार दिए जाने पर विचार किया जाएगा, इसके लिए कुछ औषधियों के प्रयोग के लिए फार्मासिस्ट अधिकृत किये जा सकते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य पालिसी के आधार पर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही कैडर रिव्यू, मानक निर्धारण, नियुक्तियों, पदोन्नतियों सहित 13 माँगों पर निर्णय करते हुए शासन और महानिदेशालय के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए। श्री त्रिवेदी ने कहा कि फार्मासिस्ट संवर्ग की समस्या का निस्तारण मुख्य सचिव की प्राथमिकता है अतः सभी प्रस्ताव तत्काल भेजते हुए कार्यवाही संपादित की जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रभार भत्ता सहित सभी भत्तों को दस गुना बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त को तत्काल भेजा जाए। शासन ने माना कि फार्मासिस्ट संवर्ग की पदोन्नति कैडर का पिरामिड सही ना होने से प्रभावित होता है । इसलिए शीघ्र उच्च पदों को बढ़ाते हुए कैडर को पुनर्गठित किया जाना आवश्यक है। आपको बता दें कि फार्मासिस्टों को मिलने वाले विशेष भत्तों का 1989 के बाद में पुनर्निधारण नहीं किया गया है।
शासन के अधिकारियों ने अवगत कराया कि ट्रॉमा सेंटर में फार्मासिस्ट के पदों का सृजन प्रक्रियाधीन है। ब्लड बैंक में फार्मासिस्ट के कार्य निर्धारण का आदेश महानिदेशक द्वारा तत्काल निर्गत करने तथा नवनियुक्त फार्मासिस्टों के नाम वरिष्ठता सूची में शामिल कर अनंतिम सूची जनपदों को आपत्ति हेतु भेजने के निर्देश दिए ।
बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के साथ विशेष सचिव उमेश मिश्र, महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह, अपर निदेशक डॉ एन के गुप्ता सहित अन्य अधिकारी और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र, डीपीए के महामंत्री केके सचान, प्रवक्ता सुनील यादव, जेपी नायक, सुभाष श्रीवास्तव, , वीपी सिंह उपस्थित थे।