-संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश ने मिशन निदेशक को लिखा पत्र

सेहत टाइम्स
लखनऊ। संयुक्त उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ ने कहा है कि कुशीनगर जनपद में संविदा एएनएम/एसएन भर्ती के एक मामले में, पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दुर्भावनापूर्ण तरीके से जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) एवं मातृ स्वास्थ्य कंसल्टेंट के विरुद्ध विभित्र धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मिशन निदेशक के आदेशानुसार उक्त प्रकरण की जांच वर्तमान में प्रचलित है। वर्तमान में, इन संविदा कर्मियों के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है एवं उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए एक विज्ञप्ति में संयुक्त उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि बीती 28 मार्च 2025 को आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जब तक उक्त संविदा कर्मी दोषमुक्त नहीं हो जाते, तब तक उनकी पत्रावलियां स्वीकार न की जाएं। यह निर्णय न केवल संबंधित कर्मियों के मानसिक तनाव का कारण बन रहा है, बल्कि अन्य संविदा कर्मियों में भी गहरी असंतोष की भावना उत्पन्न कर रहा है।


विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान जिलाधिकारी पूर्व में आजमगढ़ जनपद में तैनात थे, जहां उनके कार्यकाल के दौरान संविदा कर्मियों के प्रति उनका व्यवहार मानवीय नहीं रहा है। इसके अतिरिक्त, जब संबंधित संविदा कर्मियों द्वारा जिलाधिकारी से मिलकर अपना पक्ष रखने का प्रयास किया गया, तो जिलाधिकारी ने उन्हें अपमानित करते हुए सभा से बाहर निकाल दिया और धमकी दी कि यदि वे पुनः सामने आए तो उन्हें गिरफ्तार करवा देंगे। यह व्यवहार न केवल अनुचित है, बल्कि संविदा कर्मियों के मनोबल को भी प्रभावित करता है।
संघ ने इस संबंध में मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश को भी एक पत्र प्रेषित किया है, जिसकी प्रतिलिपि अन्य अधिकारियों को भी प्रेषित की गई है।
