-गुजर चुके कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड, बचे कार्यकाल का विजन दिया विधायक डॉ राजेश्वर ने

सेहत टाइम्स
लखनऊ। वर्ष 2022 से 2025 के बीच सरोजनीनगर ने केवल समय के साथ कदम नहीं बढ़ाया, बल्कि अपनी विकास-दिशा को निर्णायक रूप से बदला है। यह चार वर्ष सामान्य प्रशासनिक कार्यकाल नहीं, बल्कि संभावनाओं से संकल्प और संकल्प से संरचनात्मक परिवर्तन तक की एक सुसंगठित, दूरदर्शी और परिणामोन्मुख यात्रा रही है।
यह कहना है सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का। उन्होंने वर्षांत अवसर पर 31 दिसंबर 2025 को अपने सोशल मीडिया संदेश के माध्यम से बीते चार वर्षों में संचालित योजनाओं, उपलब्धियों और भावी विजन को साझा करते हुए स्पष्ट किया कि सरोजनीनगर आज शिक्षा, रक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पर्यावरण और सामाजिक सशक्तिकरण के संतुलित विकास का एक Future-Ready Model बनकर उभरा है। यह चार वर्षीय यात्रा इंफ्रास्ट्रक्चर और मानवीय संवेदनशीलता, विकास और सामाजिक न्याय, रक्षा और गरिमा—इन सभी के संतुलन की एक सशक्त मिसाल है। उन्होंने कहा है कि नववर्ष 2026 सरोजनीनगर के लिए नए लक्ष्य, नई गति और नए विश्वास का उद्घोष लेकर आ रहा है, जहाँ विकास केवल योजनाओं में नहीं, बल्कि जनजीवन में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता है।
शिक्षा, कौशल और ज्ञान आधारित भविष्य की नींव
उन्होंने कहा है कि पिछले चार वर्षों में सरोजनीनगर में उच्च शिक्षा का विस्तार मात्र संस्थानों की संख्या तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह ज्ञान, शोध और वैश्विक अवसरों से जुड़ाव का सशक्त माध्यम बना। नटकुर में प्रस्तावित भारतेंदु नाट्य अकादमी, के माध्यम से रंगमंच और सांस्कृतिक चेतना को राष्ट्रीय पहचान मिलने की दिशा में ठोस पहल हुई, वहीं अंग्रेज़ी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय (EFLU), चकौली परिसर की स्वीकृति ने अंतरराष्ट्रीय अकादमिक अवसरों के द्वार खोले। उत्तर प्रदेश राज्य इंस्टिट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंस (UPSIFS), दरोगा खेड़ा के संचालन से आधुनिक फॉरेंसिक और आपराधिक न्याय शिक्षा को नया आयाम मिला।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कृषि परिसर, पिपरसंड की स्वीकृति और लतीफनगर गर्ल्स डिग्री कॉलेज के संचालन ने कृषि नवाचार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और बेटियों की उच्च शिक्षा को मजबूती प्रदान की। इसी क्रम में नीवां में ITI की स्वीकृति युवाओं को उद्योग-अनुकूल कौशल और रोजगार से सीधे जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा, रणनीति और राष्ट्रीय महत्व की पहचान
सरोजनीनगर अब केवल एक शहरी क्षेत्र नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक संरचना का भी अहम केंद्र बनता जा रहा है। डिफेन्स इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ने उच्च-मूल्य रक्षा निर्माण और तकनीकी निवेश को आकर्षित किया है। डीआरडीओ प्रयोगशाला एवं निर्माणाधीन नेवल वॉर म्यूज़ियम क्षेत्र को राष्ट्रीय सुरक्षा मानचित्र पर विशिष्ट पहचान दिला रहे हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन मुख्यालय की स्थापना ने आपात स्थितियों में त्वरित, संगठित और प्रभावी प्रशासनिक प्रतिक्रिया को सशक्त बनाया है। एयरो सिटी कॉन्सेप्ट, वीएफएस ग्लोबल का संचालन और स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) में सरोजनीनगर की भूमिका इसे वैश्विक और रणनीतिक सेवाओं का महत्वपूर्ण केंद्र बना रही है।
उद्योग, IT और आर्थिक सशक्तिकरण:
औद्योगिक विकास की दिशा में अशोक लीलैंड ईवी प्लांट ने ग्रीन मोबिलिटी, बड़े निवेश और व्यापक रोजगार के नए अवसर सृजित किए हैं। नादरगंज में प्रस्तावित आईटी हब के माध्यम से स्टार्टअप, तकनीक और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की मजबूत आधारशिला रखी जा रही है।
कनेक्टिविटी: सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क का विस्तार:
चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 ने सरोजनीनगर को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी की नई ऊँचाइयों से जोड़ा है। किसान पथ, लखनऊ–कानपुर एक्सप्रेसवे, शहीद पथ–एयरपोर्ट फ्लाईओवर, बंगला बाजार–क़िला फ्लाईओवर, नगराम रोड–अंसल फ्लाईओवर, अर्जुनगंज – कैंट ब्रिज, पिपरसंड रेल अंडरपास, अमौसी अंडरपास और हरौनी रोड ROB ने क्षेत्रीय संपर्क को अभूतपूर्व गति दी है। लखनऊ–कानपुर MEMU ट्रेन सुविधा के विस्तार से दैनिक यात्रियों को सुलभ और किफायती परिवहन उपलब्ध हुआ है।
शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यावरण और स्वास्थ्य:
जल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में दो नए STP की स्थापना, तीन की स्वीकृति और शिवरी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को संस्थागत रूप दिया है। क़िला मोहम्मदी नाला पुनर्निर्माण ने वर्षों पुरानी जलभराव समस्या का स्थायी समाधान प्रस्तुत किया।
स्वास्थ्य सेवाओं में लोकबंधु अस्पताल में विस्तारित OPD, ब्लड बैंक, CT-Scan और उन्नत Eye Surgery सुविधाओं के साथ-साथ सरोजनीनगर CHC और सात PHC के उन्नयन से अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित हुई है।
सामाजिक, डिजिटल और युवा सशक्तिकरण:
CSR आधारित समावेशी विकास के अंतर्गत 162 तारा शक्ति सिलाई केंद्रों के माध्यम से लगभग 10,000 मातृशक्ति का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ है, जबकि तारा शक्ति निःशुल्क रसोई प्रतिदिन 4,000 लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही है। डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में 14 रण बहादुर सिंह डिजिटल एवं युवा सशक्तिकरण केंद्र, 35 डिजिटल लाइब्रेरी, 34 स्कूलों में इंटरएक्टिव डिजिटल पैनल, 37 RWA लाइब्रेरी और पहाड़पुर बेसिक स्कूल का मॉडल स्कूल के रूप में विकास—ज्ञान को जन-जन तक पहुँचा रहा है।
युवा सशक्तिकरण के तहत 163 बॉयज़ और 98 गर्ल्स यूथ क्लब तथा 1,700 से अधिक मेधावियों को लैपटॉप, टैबलेट, साइकिल और नगद प्रोत्साहन प्रदान किए गए।
खेल, फिटनेस और सांस्कृतिक चेतना:
सरोजनीनगर स्पोर्ट्स लीग के अंतर्गत आठ खेल टूर्नामेंटों में 9,000 खिलाड़ियों को अवसर मिला। 95 ओपन एयर जिम और 85 परिषदीय स्कूलों में झूलों की स्थापना ने स्वास्थ्य और बाल विकास को बढ़ावा दिया। 180 मंदिरों का सौंदर्यीकरण, तीन प्रमुख मंदिरों हेतु ₹8 करोड़ की स्वीकृति, 35 मंदिर निर्माण कार्यों में सहयोग और 52 रामरथ श्रवण अयोध्या यात्राओं का संचालन—आस्था और सांस्कृतिक विरासत को नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं।
सुशासन और जनसंपर्क:
149 “आपका विधायक – आपके द्वार” शिविरों और 24×7 पूर्णतः सक्रिय आधुनिक विधायक कार्यालय के माध्यम से शासन को जनता के और निकट लाया गया है।

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