Wednesday , December 31 2025

केजीएमयू लव जिहाद : कार्यवाही से असंतुष्ट चिकित्सकों ने फूंका कुलपति का पुतला

-जांच में लापरवाही और आरोपी शिक्षक को सबूत मिटाने का मौका देने का आरोप लगाते हुए कुलपति से मांगा इस्तीफा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पैथोलॉजी विभाग की हिन्दू महिला रेजीडेंट डॉक्टर द्वारा आत्महत्या की कोशिश करने के बाद से उठे कथित लव-जिहाद के मामले में उठी विरोध की आग तेजी से बढ़ती जा रही है,
मंगलवार 30 दिसम्बर को आम नागरिक एवं चिकित्सक के बैनर तले केजीएमयू की कुलपति पद्मश्री प्रो सोनिया नित्यानंद का पुतला सुशांत गोल्फ सिटी चौराहा पर लूलू मॉल के पास फूंका गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि KGMU प्रशासन गंभीर आपराधिक मामलों में निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय आरोपियों को संरक्षण दे रहा है। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जांच में लापरवाही बरतने और आरोपी शिक्षक को सबूत हटाने का अवसर देने के मामले में KGMU की वाइस चांसलर से इस्तीफा लिया जाए।

मिली जानकारी के अनुसार सायंकाल 5:30 बजे शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि KGMU प्रशासन गंभीर आपराधिक मामलों में निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय आरोपियों को संरक्षण दे रहा है, जिससे संस्थान की छवि को गहरा आघात पहुंचा है। KGMU जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में महिला सुरक्षा, नैतिकता और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों को जानबूझकर दबाया जा रहा है। आरोप है कि जांच प्रक्रियाओं में लापरवाही बरती गई और कुछ मामलों में आरोपियों को सबूत मिटाने तक का मौका दिया गया, जिससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन और शासन की होगी। प्रदर्शनकारियों
द्वारा जो प्रमुख मांगें रखी गयी हैं उनमें KGMU में चल रहे कथित धर्मांतरण रैकेट की एसटीएफ से निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा लीपापोती के उद्देश्य से गठित आंतरिक समिति को तत्काल भंग किया जाए। इसके साथ ही आरोपी रेजीडेंट डॉक्टर रमीजुद्दीन की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। यही नहीं यह भी मांग है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में महिलाओं के साथ हुए मामलों की दबी फाइलें पुनः खोली जाएं और निष्पक्ष जांच हो।

इसके अतिरिक्त एक और मांग है कि वाइस चांसलर कार्यालय में नियम विरुद्ध नियुक्त किए गए व्यक्ति की नियुक्ति रद की जाये तथा संविदा कर्मचारी को नियमों के खिलाफ दी गई परमानेंट पेंशन की अनियमितता पर संज्ञान लेकर राज्यपाल द्वारा वाइस चांसलर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। प्रदर्शनकारियों ने दो टूक कहा कि जब तक दोषियों पर कड़ी और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.