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मांगें पूरी न होने पर चुनावों में सत्ताधारी दलों के खिलाफ वोटिंग की बात फिर दोहरायी इप्सेफ ने

-कर्मचारियों की मांगों को लेकर इप्सेफ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर की पीएम से फिर गुहार

सेहत टाइम्स

लखनऊ। इण्डियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन (इप्सेफ) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर कर्मचारियों की लम्बित मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही पूर्व की तरह दोहराया है कि यदि मांगें पूरी न हुईं तो चुनावों में सत्ताधारी दलों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। मांगों का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया है कि कर्मचारियों की पहली मांग है कि 8वें वेतन आयोग का तत्काल गठन करके 01 जनवरी 2026 से लागू किया जाय। दूसरी मांग में कहा गया है कि पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया जाय, तीसरी मांग 50 प्रतिशत से अधिक महंगाई भत्ता हो जाने पर 50 प्रतिशत वेतन में मर्ज किया जाय, पूर्व में ऐसा होता रहा है। चौथी मांग 01 जुलाई से देय महंगाई भत्ते की किस्त का आदेश जारी किया जाय। पांचवी मांग केन्द्रीय/राजकीय सरकारी कर्मचारियों को दीपावली से पूर्व बोनस दिया जाय तथा छठी मांग देश भर में लाखों-लाख आउटसोर्स/संविदा कर्मचारियों को विनियमित करने की नीति बना दी जाय तथा पदवार न्यूनतम वेतन दिया जाय।

वी0पी0 मिश्र ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि देश भर के कई करोड़ कर्मचारियों की पीड़ा को दूर करें, जिससे कि उनके परिवार को आर्थिक एवं सामाजिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय है कि सरकार के सभी कार्य बाह्य ग्रामीण क्षेत्र से लेकर मुख्यालय तक का कार्य सरकारी कर्मचारी ही करता है।

श्री मिश्र ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर इन मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं होगा तो भावी चुनावों में सत्ताधारी दलों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि कर्मचारी परिवार अत्यन्त दुःखी है।

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