-डॉ अविवर अवस्थी ने लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग में किया ज्वॉइन
-पांच साल बाद लोहिया संस्थान में फिर शुरू हो सकेगी एंडोक्राइनोलॉजी की ओपीडी
सेहत टाइम्स/धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। सरकारी संस्थानों को छोड़ कर निजी अस्पतालों में जा रहे चिकित्सकों की खबरों के बीच एक खबर यह भी है कि चिकित्सक निजी संस्थान छोड़कर सरकारी संस्थान ज्वॉइन भी कर रहे हैं। ऐसी ही एक ज्वॉइनिंग हुई है लखनऊ स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में। कर्नाटक के निजी संस्थान कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मनीपाल में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अविवर अवस्थी ने सरकारी संस्थान लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग में ज्वॉइन किया है। डॉ अविवर ने कोलकाता मेडिकल कॉलेज से डीएम (एंडोक्राइनोलॉजी) गोल्ड मेडल के साथ किया है। इसी के साथ अब संंस्थान की एंडोक्राइनोलॉजी ओपीडी पांच साल बाद पुन: शुरू हो रही है। ज्ञात हो डॉ मनीष गुच ने 2020 में इस्तीफा देकर निजी संस्थान ज्वॉइन कर लिया था, तब से एंडोक्राइन की ओपीडी बंद चल रही थी।

संस्थान के मेडिसिन विभाग के हेड व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि 5 अगस्त से एंडोक्राइनोलॉजी की ओपीडी पुन: प्रारम्भ हो जायेगी, उन्होंने बताया कि ओपीडी सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक होगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही आईपीडी सेवाएं भी प्रारम्भ हो जायेंगी और जिस मरीज को भर्ती करना आवश्यक होगा, उसकों भर्ती कर इलाज किया जायेगा।
क्यों महत्वपूर्ण है एंडोक्राइनोलॉजी विभाग
ज्ञात हो आजकल लाइफ स्टाइल गड़बड़ होने के चलते डायबिटीज, थायरॉयड, तनाव, मनोदशा, प्रजनन में परेशानियों से ग्रस्त मरीज बढ़ रहे हैं। इन मरीजों को देखने के लिए राजधानी लखनऊ में वर्तमान में पृथक एंडोक्राइनोलॉजी ओपीडीे की सुविधा सिर्फ एसजीपीजीआई में ही है। अब लोहिया संस्थान में इसकी पुन: शुरुआत होने से मरीजों को कुछ राहत मिलेगी। आपको बता दें कि अंतःस्रावी तंत्र यानी एंडोक्राइन सिस्टम (Endocrine System) शरीर में ग्रंथियों और अंगों का एक नेटवर्क है जो हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जिससे शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित किया जाता है। एंडोक्राइन के अंतर्गत पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland) होती है जो कई अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित करती है। इसके अलावा मस्तिष्क का एक हिस्सा हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) जो पिट्यूटरी ग्रंथि को नियंत्रित करता है। इसी प्रकार चयापचय को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करने वाली थायराइड ग्रंथि, तनाव और अन्य प्रतिक्रियाओं से निपटने के लिए हार्मोन का उत्पादन करने वाली अधिवृक्क ग्रंथियां, इंसुलिन और ग्लूकागन जैसे हार्मोन का उत्पादन करके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने वाला अग्नाशय (Pancreas) तथा महिलाओं में अंडाशय और पुरुषों में वृषण प्रजनन हार्मोन का उत्पादन करने वाली ग्रंथि है।

