Wednesday , April 23 2025

दूरबीन विधि से सर्जरी कर दिल के पास पड़ा 13 सेंटीमीटर का चाकू निकाला

-केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी विभाग ने एक बार फिर जटिल सर्जरी कर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी विभाग ने एक बार फिर जटिल स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने में अपनी प्रतिबद्धता दिखायी है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संदीप तिवारी और प्रोफेसर डॉ समीर मिश्रा की गाइडेंस में ट्रॉमा सर्जरी विभाग की डॉ अनीता सिंह और उनकी टीम ने गोरखपुर के रहने वाले 22 वर्षीय युवक की छाती में घुसे 13 सेंटीमीटर के चाकू को बिना छाती खोले दूरबीन विधि की मदद से घाव वाले स्थान से ही बाहर निकाल कर मरीज को बड़ी ओपन सर्जरी से बचाने में सफलता हासिल की है। 11 दिन पूर्व हुई चाकू लगने की घटना के बाद पांच दिन पूर्व सर्जरी में चाकू निकाले जाने के बाद अब मरीज स्वस्थ है।

‘सेहत टाइम्स’ से बात करते हुए प्रो समीर मिश्रा ने बताया कि गोरखपुर के रहने वाले युवक का बीती 11 अप्रैल को झगड़ा हुआ था​, इस झगड़े में बुरी तरह घायल युवक को तुरंत ही गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां पेट से हो रही ब्लीडिंग को देखते हुए डॉक्टर्स ने तत्काल सर्जरी की जिसके बाद मरीज को पोस्ट ऑपरेशन वार्ड में ले आया गया। इसके बाद पांचवें दिन मरीज ने सांस लेेने में तकलीफ की शिकायत की तो चिकित्सकों ने मरीज का एक्सरे करवाया, एक्सरे की फिल्म देखकर चिकित्सक चौंक गये क्योंकि उसमें दिल के नजदीक चाकू पड़ा हुआ दिख रहा था, इसके बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने मरीज को केजीएमयू के लिए रेफर कर दिया।

केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि 17 अप्रैल को मरीज केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में पहुंचा तो ड्यूटी पर तैनात डॉ रम्बित द्विवेदी और डॉ ताहिर ने मरीज की स्थिति की गंभीरता को देखा और आवश्यक जांचें कराकर देखा कि चाकू दिल से मात्र आधा सेंटीमीटर दूरी पर खून की मुख्य नली के पास है। इसके बाद उन्होंने मरीज को भर्ती करते हुए टीम लीडर डॉ अनीता सिंह को सूचित किया। डॉ समीर बताते हैं कि इसके बाद चिकित्सकों ने यह देखते हुए कि चूंकि मरीज की हालत स्टेबिल थी, ब्लीडिंग नहीं हो रही थी, ऐसे में मरीज की इलेक्टिव सर्जरी करने का फैसला लिया गया। डॉ अनीता सिंह ने अपनी टीम के साथ सर्जरी करने के लिए अंदर की स्थिति की जानकारी लेने के लिए जिस छेद से बीआरडी मेडिकल में सर्जरी की गयी थी, उसी छेद से दूरबीन डालकर मरीज के अंदर की स्थिति का जायजा लिया। अंदरूनी स्थिति का आकलन करते समय चाकू नजर आ गया।

इसके बाद चाकू के हमले से हुए घाव वाले रास्ते से ही अंदर पड़ा चाकू निकालने का फैसला लिया गया, सर्जरी के जोखिम को देखते हुए डॉ अनीता सिंह ने कार्डियक सर्जरी, थोरेसिक सर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी के विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर आवश्यक चीजों की उपलब्धता की पूरी तैयारी कर सर्जरी की गयी और सफलता पूर्वक चाकू बाहर निकाल लिया गया साथ ही फेफड़ों में चाकू से लगी चोट का भी इलाज किया। अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है।

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