Wednesday , March 12 2025

नारी की वेदना को शब्दों में व्यक्त करने की कोशिश है ‘ये वह शब्द नहीं’

-स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ वरदा शुक्ला की पुस्तक का उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने किया विमोचन

 

सेहत टाइम्स

लखनऊ। क्या एक नारी के जीवन की डोर समाज एवं सरकार द्वारा बनाये गये नियमों पर निर्भर है, कितना विरोधाभास है कि इतने भौतिक, तकनीक विकास के बाद आज भी नारी एक कठपुतली ही लगती है, जिस परिमाण में नारी जीवन पर्यन्त नि:स्वार्थ रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करती है, उस परिमाण में उसे सम्मान और स्वीकृति नहीं मिल पाती है। 15 वर्षों तक महिलाओं के बीच रहकर उनकी पीड़ा, उनकी वेदना को जो मैंने महसूस किया है, उसे कहानियों के माध्यम से समाज के सामने रखने की कोशिश है मेरी पुस्तक ‘ये वह शब्द नहीं’।

यह बात स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, आईवीएफ स्पेशियलिस्ट डॉ वरदा शुक्ला ने 11 मार्च को यहां ताज होटल में भाविनी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित अपनी पुस्तक ‘ये वह शब्द नहीं’ के विमोचन के मौके पर कही। समारोह की शुरुआत गणेश वंदना पर सुंदर नृत्य प्रस्तुति तथा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। डॉ वरदा शुक्ला ने कहा कि एक स्त्री का शरीर वे सारे उत्तर दे देता है, जो शब्द नहीं दे पाते हैं। नि:शब्द पीड़ा दिखती नहीं है लेकिन इसकी वेदना बहुत तीव्र होती है। उन्होंने कहा कि अपने कार्य के दौरान मुझे प्रत्येक वर्ग, श्रेणी, धर्म, समुदाय की महिलाओं से रू-ब-रू होने का मौका मिला, भले ही इनमें समानता न हो लेकिन इनकी पीड़ा का आधार एक ही था।

इस मौके पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि चिकित्सकों का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान है, इनके बिना तो कुछ भी संभव ही नहीं है। पहले तो कोई बीमार पड़ता था तभी डॉक्टर के पास जाते थे, लेकिन अब तो स्वस्थ रहने के लिए हम डॉक्टर के पास जाते हैं। डॉ वरदा शुक्ला एक अच्छी डॉक्टर तो हैं ही, साथ ही एक अच्छी लेखिका भी हैं। इस पुस्तक की कहानियों के माध्यम से जिस प्रकार उन्होंने महिलाओं की वेदना को उजागर किया है, वह सराहनीय है। इस पुस्तक में उन्होंने महिलाओं के लिए क्या जरूरी है, क्या उन्हें पाना चाहिये, इसके बारे में लिखा है। उन्होंने कहा कि पुस्तक के लिए मैं उन्हें बहुत शुभकामनाएं देती हूं।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी सहित अनेक पदों पर कार्य चुके रिटायर्ड चिकित्साधिकारी डॉ जीसी सिंह व विनी अरोरा ने भी अपनी पुत्रवधू डॉ वरदा शुक्ला की पुस्तक की सराहना करते हुए उन्हें आशीर्वचनों से अभिसिंचित किया तथा आये हुए सभी अतिथियों का आभार जताया।

इस अवसर पर कवि पंकज प्रसून ने अपने सम्बोधन के दौरान कविताओं की पंक्तियों से माहौल को गुदगुदाया भी साथ ही महिलाओं की वेदना पर अपनी कविता की लाइनों से लोगों के अंतर्मन को छुआ। उन्होंने अपनी मशहूर कविता ‘लड़कियां बड़ी लड़ाका होती हैं’ सुनायी।

वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मंजू शुक्ला, डॉ प्रीती कुमार, डॉ सुनीता चन्द्रा, डॉ अनिता सिंह, डॉ ऋतु सक्सेना, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ संजय सक्सेना, डॉ निधि, डॉ वारिजा सेठ, डॉ सीमा मेहरोत्रा, कनक रेखा चौहान सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.