-फैजुल्लागंज में दीपावली की रात निर्माणाधीन नाले में बाइक गिरने से हुआ हादसा
-बिना हेलमेट तीन लोग थे सवार, निर्माणाधीन नाले पर नहींं थी कोई बैरीकेडिंग
-केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में आनन-फानन की गयी सर्जरी, जान का खतरा अभी बरकरार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। दीपावली 31 अक्टूबर की रात तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर निर्माणाधीन नाले में गिर गयी, बाइक पर तीन लोग सवार थे इनमें बाइक चलाने वाले 20 वर्षीय युवक की बायीं आंख के ऊपर से लोहे की सरिया घुस कर खोपड़ी में क्रैनियल कैविटी (कपाल गुहा) तक जा पहुंची। यहीं पर मस्तिष्क होता है, बाइक पर बैठे दोनों अन्य दोस्तों को भी हाथ-पैर में चोट आयी हैं। हादसा यहां फैजुल्लागंज में हुआ। मौके पर पहुंचे पुलिस वालों ने सरिया कटवाकर घायल को केजीएमयू स्थित ट्रॉमा सेंटर भिजवाया।
मिली जानकारी के अनुसार सीतापुर के अटरिया का रहने वाला अंकित अपने दो दोस्तों प्रदीप और अद्दू के साथ दीपावली की रात उनके फैजुल्लागंज स्थित घर जा रहा था। बताया जाता है कि उन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था। जब वे लोग फैजुल्लागंज प्राथमिक विद्यालय के पास पहुंचे ही थे तभी बाइक अनियंत्रित होकर निर्माणाधीन नाले में गिर गई। बाइक चला रहे अंकित की बायीं आंख के ऊपर से सरिया घुस गई। वह बुरी तरह दर्द से तडपने लगा। दोनों साथियों को भी चोटें लगीं लेकिन ये चोटें इतनी गंभीर नहीं थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत कर सरिया कटवाकर अंकित और उसके दोनों साथियों को ट्रॉमा सेंटर भेजवाया, जहां कैजुअल्टी में मौजूद सर्जन्स ने मरीज का इलाज शुरू किया, सरिया मस्तिष्क में घुसी होने के कारण तुरंत ही न्यूरो सर्जरी की टीम ने मरीज का इलाज शुरू कर दिया। मीडिया प्रभारी डॉ केके सिंह ने इस बारे में सूचना देते हुए बताया कि मरीज की सर्जरी हो चुकी है तथा उसकी स्थिति क्रिटिकल बनी हुई है।
इस बारे में जब न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बीके ओझा से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि युवक की बायीं तरफ फ्रंटल बोन फ्रैक्चर हो गयी है वहीं से लोहे की सरिया घुसी हुई थी, जो कि क्रैनियल कैविटी तक पहुंची हुई थी। स्थिति को देखते हुए तुरंत ही आपातकालीन आधार पर सर्जरी के लिए मरीज को ओटी में ले जाया गया, जहां सर्जरी करते हुए लोहे की सरिया निकाली गयी, सर्जरी के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ की भी सहायता ली गयी। मरीज को डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा गया है, अभी उसकी जान का जोखिम बना हुआ है। उन्होंने बताया कि मरीज जब आया था तब भी बेहोश था और अभी भी सर्जरी के बाद बेहोश ही है इस नाते उसकी आंख में रोशनी बची है या नहीं यह कंफर्म नहीं किया जा सकता। वैसे पुतलियों में थोड़ा-थोड़ा रिएक्शन है इस नाते उम्मीद है कि धीरे-धीरे आंख की रोशनी आ जानी चाहिए। मरीज की स्थिति में कुछ सुधार होने के बाद उसकी आंख का और आंख की नसों का एमआरआई कराए जाने का प्लान है।
ज्ञात हो घेला रोड से आईआईएम रोड तक नाला बन रहा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि निर्माण के दौरान कोई बेरिकेडिंग नहीं की गई और न ही कोई ऐसा संकेतक लगाया गया है जिससे निर्माण होने का पता चल सके। अंधेरे में नाला नजर नहीं आता है, हालांकि इस हादसे के बाद नाले के किनारे ग्रीन मैट लगाई लगाई गई है।