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मानव शरीर के आंतरिक परिवेश का दर्पण है त्वचा, इसकी बीमारियों को नजरअंदाज न करें

-केजीएमयू में डर्मेटोपैथोलॉजी सीएमई डर्मेटोपैथ 2024 का आयोजन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। त्वचा मानव शरीर के आंतरिक परिवेश का दर्पण है इसलिए इसकी बीमारियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

यह बात किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पैथोलॉजी विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर यूएस सिंह ने क्लीनिक पैथोलॉजिकल पर्ल्स और एडवांस्ड डायग्नोस्टिक्स पर आधारित डर्मेटोपैथोलॉजी सीएमई डर्मेटोपैथ 2024 में दिए गए अपने संबोधन में कही। सीएमई का आयोजन इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरोलॉजिस्ट्स एंड लेप्रोलॉजिस्ट्स के तत्वावधान में त्वचा विज्ञान और पैथोलॉजी विभाग केजीएमयू द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉक्टर पारुल वर्मा तथा संयुक्त आयोजन सचिव प्रोफेसर अतिन सिंघई थे. कार्यक्रम में डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर अमिता जैन ने कहा कि इस तरह की क्लीनिकोपैथोलॉजिकल बैठकों की अवधारणा सराहनीय है. इस सीएमई में 120 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा इसमें लखनऊ, दिल्ली, गोरखपुर और मुंबई के संकाय सदस्य भी शामिल रहे. सीएमई मुख्य रूप से त्वचा रोगों और उनके निदान के संबंध पर आधारित थी. सीएमई में दिल्ली की डॉ गीति खुल्लर ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे त्वचा बायोप्सी का उचित मूल्यांकन हमें रोग के सही निदान तक पहुंचने में मदद करता है। कार्यक्रम में प्रोफेसर प्रद्युमन सिंह और डॉ. शिल्पा यू वाहिकर द्वारा त्वचा के कैंसर पर एक संपूर्ण सत्र प्रस्तुत किया गया।

सीएमई के दूसरे भाग में त्वचा के ऊतकों में इम्यूनोफ्लोरेसेंस, एंटीजन मैपिंग, इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के उपयोग जैसी उन्नत तकनीकों पर चर्चा की गई, जिसके लिए प्रोफेसर अतिन सिंघई, प्रोफेसर स्वस्तिका सुवीर्या (एचओडी त्वचाविज्ञान) और प्रोफेसर मेघना फिस्के, मुंबई मुख्य वक्ता थे। जूनियर डॉक्टरों को भी पुरस्कार पेपर सत्र में अपना कार्य प्रस्तुत करने का अवसर मिला।

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