-चेन्नई के डॉ अपार जिन्दल ने रेस्पाइरेटरी एंड क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 में दी जानकारी

लखनऊ। यदि फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गये हैं तथा खून में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पा रहे हैं तो ईसीएमओ यानी एक्स्ट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सिजनेशन ECMO (Extracorporeal membrane oxygenation) एक्मो मशीन की मदद से खून में ऑक्सीजन पहुंचायी जाती है। इस प्रक्रिया में शरीर से खून निकाल कर खून में ऑक्सीजन डालते हैं और कार्बनडाई ऑक्साइड निकाल कर वापस पुन शरीर में डाल दिया जाता है।
यह जानकारी 17 दिसम्बर को यहां होटल ताज में मिडलैंड हॉस्पिटल और सूर्या फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 15वीं रेस्पाइरेटरी एंड क्रिटिकल केयर अपडेट 2023 के मौके पर चेन्नई से आये डॉ अपार जिन्दल ने देते हुए बताया कि विभिन्न कारणों से जब फेफड़े डैमेज हो जाते हैं तो हम उसकी जांच कर स्थिति देखते हैं यदि खून से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालकर उसमें ऑक्सीजन डालकर मरीज के ठीक होने की संभावना होने की दशा में एक्मो मशीन से यह प्रक्रिया कर मरीज को राहत प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि यदि फेफड़े ज्यादा ही खराब हो गये होते हैं तो एक्मो मशीन का उपयोग नहीं कर उनका प्रत्यारोपण कराने की मरीज को सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि जब तक दवाओं से काम चलता है तब तक दवाएं ही चलायी जाती हैं, जब दवायें काम नहीं करती हैं तभी ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है, ट्रांसप्लांट सबसे आखिरी विकल्प के रूप में किया जाता है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि एक्मो मशीन से खून को ऑक्सीजनयुक्त करने की प्रक्रिया बार-बार नहीं करनी होती है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि एक्मो मशीन की सुविधा देश में अभी सिर्फ चेन्नई, हैदराबाद और मुम्बई में ही उपलब्ध है। उन्होंंने यह भी बताया कि यह सुविधा देश के किसी भी सरकारी संस्थान में उपलब्ध नहीं है।

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