-मार्च तक निर्णय न हुआ तो आंदोलन के लिए होना पड़ेगा बाध्य
सेहत टाइम्स
लखनऊ। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों पर वरिष्ठ आईएएस श्री पटनायक एवं वृंदा स्वरूप की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों को मुख्य सचिव समिति से निर्णय कराने के बजाय एक और कमेटी गठित करने के निर्णय कि आलोचना की है। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने निंदा करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
यह जानकारी देते हुए मोर्चा के अध्यक्ष वी पी मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश मिश्र एवं महासचिव शशी कुमार मिश्रा ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि वेतन समिति की संस्तुतियों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति से निर्णय करा कर मंत्री परिषद से अनुमोदन के उपरांत माह मार्च के अंत तक निर्णय न किया गया तो अप्रैल में बैठक करके आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।
अध्यक्ष एवं महासचिव ने बताया कि संस्तुतियों पर निर्णय न करने से राज्य कर्मचारियों, स्थानीय निकायों, सार्वजनिक निगमों प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। संवर्गों के कैडर पुनर्गठन ना होने से कर्मचारियों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।
मोर्चा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि संस्तुतियों को मुख्य सचिव समिति से निर्णय करा कर मंत्री परिषद से अनुमोदन कराकर शासनादेश जारी कराएं जिससे शासन एवं कर्मचारियों के बीच आंदोलन की स्थिति न बने।