-‘मेडिकैमेन लाइफसाइंसेज‘ की लॉन्चिंग पर आयोजित सीएमई में वरिष्ठ विशेषज्ञों ने दी सलाह
सेहत टाइम्स
लखनऊ। वरिष्ठ विशेषज्ञों का कहना है कि दिल की बीमारियां और मधुमेह बढ़ता जा रहा है, कई बार देखा गया है कि इन रोगों से ग्रस्त लोग दूसरों को देखकर या केमिस्ट/फार्मासिस्ट से पूछकर दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जो कि गलत है, क्योंकि जब चिकित्सक किसी दवा को खाने की सलाह देता है तो वह मरीज की स्थिति को जानकर ही उसके लायक दवा का चुनाव करता है, मनमाने तरीके से दवा खाने से नुकसान हो सकता है।
शनिवार को राजधानी के एक होटल में मेडिकैमेन बायोटेक द्वारा आयोजित ‘मेडिकैमेन लाइफसाइंसेज’ की लॉन्चिंग के मौके पर आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा सीएमई में अपने उद्बोधन में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के जनरल मेडिसिन विभाग के पूर्व चेयरमैन पद्मश्री प्रो. (डॉ) कमलाकर त्रिपाठी ने कहा कि दिल और मधुमेह की दवाओं का सेवन व्यक्ति को अपने मन से नहीं करना चाहिये, इसे चिकित्सक की सलाह से ही करें, अन्यथा नुकसान हो सकता है।
डॉ त्रिपाठी ने कहा कि दवाओं को हमेशा चिकित्सक की सलाह पर ही लेना चाहिये क्योंकि चिकित्सक समझता है कि आपको किस दवा की आवश्यकता है, और कौन सी दवा आपके शरीर के अनुकूल रहेगी। अपने मन से दवा लेने से दूसरे प्रकार के रोगों का शिकार भी हो सकते हैं। प्रो. (डॉ) कमलाकर त्रिपाठी को गेस्ट ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) सी.जी. अग्रवाल मौजूद रहे, तथा उनके साथ ही, कोर्स को-ऑर्डिनेटर के रूप में डिवाइन हार्ट एंड मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के एचओडी व केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) वी. एस. नारायण उपस्थित रहे।
अपने उद्बोधन में प्रो. (डॉ) सी. जी. अग्रवाल ने कहा कि दवाओं के सेवन से पहले इस बात का ख़्याल जरूर रखना चाहिए कि जिस दवा का हम सेवन कर रहे हैं, वो किस कंपनी द्वारा निर्मित है। जिससे हमें उससे होने वाले लाभ व हानि का पता लग सकें। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट से पूछकर हर दवा नहीं खाई जा सकती। क्योंकि, आपके शरीर की अंदर की स्थिति कैसी है, ये सिर्फ डॉक्टर ही बता सकता है। अतः बिन डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन न करें।
कार्यक्रम में कंपनी के चेयरमैन राहुल बिश्नोई एवं सीईओ कमल पाहवा ने बताया कि आज के दौर में हाइपरटेंशन व डायबिटीज बड़ी बीमारियां हैं। अब मेडिकैमेन अपनी सहायक कंपनी मेडिकैमेन लाइफसाइंसेज के साथ क्रॉनिक सेगमेंट के जरिए निवारक दवाओं में प्रवेश कर रही है।