-नवीनीकरण के लिए प्रत्येक चिकित्सक को सीएमई में भाग लेकर अर्जित करने होंगे क्रेडिट आवर्स
-आईएमए में आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में डॉ नीरज बोरा ने बताया कि ऐसा बिल विचाराधीन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। चिकित्सा के पेशे में नयी-नयी जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का महत्वपूर्ण स्थान है लेकिन इन सीएमई में चिकित्सकों की कम होती उपस्थिति चिंतनीय है। ऐसे में प्रत्येक पांच साल में चिकित्सक के पुन: पंजीकरण के प्रावधान वाला बिल यदि पारित हो गया तो प्रत्येक चिकित्सक को सीएमई में भाग लेकर निश्चित क्रेडिट आवर्स अर्जित करने होंगे, इन्हीं क्रेडिट आवर्स के आधार पर ही उनके पंजीकरण का नवीनीकरण होगा।
यह महत्वपूर्ण जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के भूतपूर्व अध्यक्ष तथा विधायक डॉ नीरज बोरा ने रविवार 11 सितम्बर को यहां आईएमए भवन में आयोजित सीएमई कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए दी। उन्होंने सुझाव दिया कि सीएमई कार्यक्रम में यदि मेडिकल स्टूडेंट्स को भी नयी जानकारियां सीखने के लिए आमंत्रित किया जाये तो यह न सिर्फ उन विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होगा बल्कि जानकारी देने वाले वक्ता के मनोबल को भी बढ़ायेगा क्योंकि वक्ता को सुनने वालों की भारी संख्या देखकर बहुत आत्मबल मिलता है। उन्होंने कहा कि फिर स्थिति यह आयेगी कि सीएमई में रजिस्ट्रेशन के लिए चिकित्सकों में होड़ रहेगी, और हॉल खचाखच भरा रहेगा।
हॉल के लिए 25 लाख दिलाने का वायदा
उन्होंने वर्तमान अध्यक्ष डॉ मनीष टंडन और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि वाकई यह टीम आईएमए के कार्यों को बढ़ाने में बहुत मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में यहां का हॉल सरकार की मदद से बना था, अब भवन के विस्तार की जरूरत है, उन्होंने कहा कि यहां एक और हॉल के निर्माण के लिए वे सरकार से पूरी मदद दिलाने की कोशिश करेंगे। डॉ बोरा ने बरेली सहित दूसरे कई आईएमए शाखाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वहां ब्लड बैंक बहुत ही सफलतापूर्वक चल रहे हैं, लखनऊ शाखा द्वारा भी ब्लड बैंक तैयार किया गया है, यह जब शुरू हो जायेगा तो आईएमए को इससे बहुत सहयोग मिलेगा। डॉ बोरा के किये गये वादे को क्लीयर करते हुए सचिव डॉ संजय सक्सेना ने बताया कि एक और हॉल के लिए डॉ नीरज बोरा ने 25 लाख रुपये दिलाने का वादा किया है।
इससे पूर्व दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। कार्यक्रम का संचालन कर रहे सचिव डॉ संजय सक्सेना ने अपने सम्बोधन में डॉ नीरज बोरा तथा आये हुए अन्य आगंतुकों का स्वागत करते हुए इस सीएमई में विभिन्न विषयों पर जानकारी देने वाले वक्ताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईएमए का प्रयास है कि चिकित्सा क्षेत्र में होने वाले नये-नये बदलावों के बारे में प्रत्येक चिकित्सक अपडेट होता रहे, जिसका सीधा लाभ मरीजों तक पहुंचे।
अध्यक्ष डॉ मनीष टंडन ने डॉ बोरा को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे डॉक्टर हमेशा हर नियम-कानून को मानने में आगे रहते हैं, आगे भी जैसे नियम होंगे उनका वे पूर्ण पालन करेंगे। निवर्तमान अध्यक्ष डॉ रमा श्रीवास्तव ने भी कहा कि सबका प्रयास यही होना चाहिये कि किस तरह से आईएमए शाखा की सदस्यता बढ़े। ब्लड बैंक पर कार्य करते चार-पांच साल बीत रहे हैं ऐसे में सबके सहयोग से जितनी जल्दी यह आरम्भ होगा उतनी जल्दी ही आईएमए को भी इसका लाभ होगा।
प्रेसीडेंट इलेक्ट डॉ जेडी रावत ने कहा कि अध्यक्ष डॉ मनीष टंडन की अध्यक्षता में वर्तमान टीम बहुत सराहनीय कार्य कर रही है। टीम ने यहां का स्ट्रक्चर ही बदल दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि का यह कथन सही है कि सीएमई जैसे कार्यक्रमों में आने वाले लोगों की कमी है, इसके लिए उन्होंने कहा कि आगे चलकर हम यह कोशिश करेंगे कि मेडिकल स्टूडेंट को सीएमई में शामिल किया जाये तथा उनके लिए इसमें भाग लेने की फीस में 50 प्रतिशत की छूट दी जाये।
आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में आईएमए के जिन पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया उनमें अध्यक्ष डॉ मनीष टंडन, सचिव डॉ संजय सक्सेना, प्रेसीडेंट इलेक्ट डॉ जेडी रावत, फाइनेंस सेक्रेटरी डॉ सरिता सिंह, मुख्य प्रवक्ता व अवैतनिक एडिटर डॉ वीरेन्द्र कुमार यादव, संयुक्त सचिव, डॉ वारिजा सेठ, संयुक्त सचिव डॉ प्रांजल अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्यों में डॉ रितु सक्सेना, डॉ सुमित सेठ, डॉ सरस्वती देवी, डॉ पूनम मिश्रा, पैथोलॉजिस्ट व जनरल फिजीशियन अध्यक्ष भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ लखनऊ आईएमए कार्यकारिणी सदस्य डॉ शाश्वत विद्याधर सहित कई सदस्य शामिल रहे।