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टेंशन को बाय-बाय, विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस पर 1 अक्‍टूबर को होगा महोत्‍सव

-गोल्‍डेन फ्यूचर पब्लिक चेरिटेबिल ट्रस्‍ट के बैनर तले जुटेंगे सभी विधाओं के चिकित्‍सक, काउंसलर्स सहित सभी वर्ग को लोग

-जूनियर-सीनियर विद्यार्थियों के साथ ही प्रत्‍येक वर्ग के लिए आयोजित की जा रहीं प्रतियोगिताएं

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। पति-पत्‍नी में तकरार, नतीजा टेन्‍शन…परिवार में कलह…टेंशन होना पक्‍का…ऑफि‍स में बॉस ने कुछ कह दिया…मूड खराब, नतीजा टेंशन…परीक्षाएं बच्‍चों की…टेंशन माता-पिता का, यानी किसी न किसी बात को लेकर टेंशन होना बहुत आम है, लेकिन यही टेंशन जब हावी होने लगता है तो फि‍र बीमारी का रूप ले लेता है, मन में विचार आने के चलते पैदा होने वाला टेंशन का प्रभाव शरीर पर दिखना शुरू हो जाता है, घबराहट, दिल की धड़कन बढ़ जाना, डर, बेचैनी, पसीना आना जैसे लक्षण शुरू हो जाते हैं। मानसिक रूप से किस प्रकार स्‍वस्‍थ रहा जाये जैसे विषय को लेकर इस वर्ष के विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस पर यहां राजधानी लखनऊ में एक महोत्‍सव मनाया जा रहा है, इसका मुख्‍य कार्यक्रम 1 अक्‍टूबर को गोमती नगर स्थित आईएमआरटी में आयोजित किया जायेगा।

विभिन्‍न साइक्रियाटिस्‍ट और क्‍लीनिकल साइकोलॉजिस्‍ट द्वारा गोल्‍डेन फ्यूचर पब्लिक चेरिटेबिल ट्रस्‍ट के बैनर तले आयोजित होने वाले इस महोत्‍सव के आयोजन सचिव कॅरियर काउंसलर शोभित नारायण बताते हैं कि आजादी के अमृत महोत्‍सव के अंतर्गत आयोजित किये जा रहे इस विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस महोत्‍सव का उद्देश्‍य प्रत्‍येक व्‍यक्ति को मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ रहने के प्रति जागरूक करना है, क्‍योंकि जब मन स्‍वस्‍थ रहेगा तो तन भी स्‍वस्‍थ रहेगा। उन्‍होंने बताया कि इस महोत्‍सव की तैयारियों को लेकर गुरुवार को अलीगंज स्थित गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथिक रिसर्च के प्रांगण में सेंटर के चीफ डॉ गिरीश गुप्‍ता की अध्‍यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी।

डॉ गिरीश गुप्‍ता ने अपने सम्‍बोधन में महोत्‍सव के आयोजनकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर किये जा रहे इस महोत्‍सव के लिए बहुत शुभकामनाएं। उन्‍होंने कहा कि होम्‍योपैथिक इलाज की मूल भावना ही मन:स्थिति पर आधारित है, अनेक प्रकार के ऐसे रोग हैं जो परिस्थितिजन्‍य अथवा किसी भी वजह से व्‍यक्ति में पैदा हुई सोच के चलते शारीरिक बीमारियों की शक्‍ल में बाहर आते हैं। इसीलिए होम्‍योपैथिक में इलाज रोग का नहीं बल्कि रोगी का होता है, और इसके लिए दवा का चुनाव प्रत्‍येक मरीज के लक्षणों और उसके कारणों को जानकर ही किया जाता है।

इस बैठक में नाबार्ड की डिप्‍टी जीएम शिखा त्रिपाठी, नूर मंजिल अस्‍पताल की डॉ अंजली गुप्‍ता, केजीएमयू के डॉ जीके सिंह, एमडी साइक्रियाटिस्‍ट इन होम्‍योपैथी डॉ गौरांग गुप्‍ता, रूबरू हीलिंग के डॉ आकाश पाल, सेंटर फॉर मेंटल हेल्‍थ ‘फेदर्स’ की क्‍लीनिकल साइकोलॉजिस्‍ट सावनी गुप्‍ता, साइकोलॉजिस्‍ट कुसुम, पूजा मिश्रा, सीएमएस में मीडिया कोऑर्डीनेटर प्रियंका दीक्ष्‍िात ने हिस्‍सा लिया।

शोभित नारायण ने बताया कि महोत्‍सव का मुख्‍य कार्यक्रम 1 अक्‍टूबर को होगा, जबकि इससे पूर्व अलग-अलग दिवसों पर चित्रकला, भाषण, लेखन और नाट्य कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। इसमें जूनियर (कक्षा 6 से कक्षा 8 तक) और सीनियर (कक्षा 9 से कक्षा 12 तक) विद्यार्थी अपने स्‍कूल के माध्‍यम से हिस्‍सा ले सकते हैं। इसके अतिरिक्‍त इन प्रतियोगिता में यूथ व समाज के प्रत्‍येक वर्ग के  लोग भी हिस्‍सा ले सकते हैं, विजेताओं को पहली अक्‍टूबर को मुख्‍य कार्यक्रम में पुरस्‍कृत किया जायेगा। उन्‍होंने बताया कि सितम्‍बर माह के तीसरे-चौथे सप्‍ताह में आयोजित होने वाली इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के इच्‍छुक लोगों को व्‍हाट्स अप नम्‍बर 9369692887 पर 15 सितम्‍बर, 2022 तक रजिस्‍ट्रेशन कराना अनिवार्य है। प्रतियोगिताओं के लिए अभ्‍यर्थियों का चुनाव प्रथम आगत-प्रथम स्‍वागत के आधार पर किया जायेगा।

आयो‍जन सचिव ने बताया कि महोत्‍सव के मुख्‍य कार्यक्रम में पुरस्‍कार वितरण के साथ ही मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों के प्रेजेन्‍टेशन, पैनल डिस्‍कशन, सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान विभिन्‍न प्रकार के स्‍टॉल भी लगाये जायेंगे। शोभित नारायण ने बताया‍ कि महोत्‍सव में करीब एक हजार लोगों के शामिल होने का अनुमान है, जिसमें सभी विधाओं के चिकित्‍सक, हीलर्स, काउंसलर्स, मोटीवेशनल ट्रेनर्स, स्प्रिचुअल लीडर्स, सोशल एक्टिविस्‍ट्स, टीचर्स, प्रोफेसर्स, विभिन्‍न स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं के संचालक, समाज सेवक, ज्‍योतिषाचार्य, ग्राफोलॉजिस्‍ट्स, न्‍यूरोलॉजिस्‍ट्स, कई कॉलेज के प्रधानाचार्य सहित समाज के सभी वर्गों के लोग जुटेंगे। उन्‍होंने बताया कि गोल्‍डेन फ्यूचर पब्लिक चेरिटेबिल ट्रस्‍ट के बैनर तले होने वाला यह महोत्‍सव एक सामूहिक प्रयास है, और इसे गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथिक रिसर्च, परवरिश, ख्‍वाब फाउंडेशन, एलायंस बिजनेस कनेक्‍ट, स्‍वयंसिद्धा, योगा केंद्र, फेदर्स (सेंटर फॉर मेंटल हेल्‍थ) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।     

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