-कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा करने को लेकर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की बैठक
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार की कर्मचारी विरोधी रवैया की निंदा करते हुए कर्मचारियों एवं शिक्षकों से अपील की है कि 27 नवंबर को मशाल जुलूस एवं 9 दिसंबर को पूर्णत: काम बंदी को सफल बना कर अपनी एकता का परिचय दें।
कल वी पी मिश्र की अध्यक्षता में नगर निगम में हुई बैठक में शशि कुमार मिश्रा महासचिव, सुरेश रावत अध्यक्ष, गिरीश मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,अतुल मिश्रा महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ,कैसर रजा ,गोमती द्विवेदी स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ,मनोज कुमार मिश्र अध्यक्ष घनश्याम यादव महामंत्री निगम कर्मचारी महासंघ ,अवधेश सिंह अध्यक्ष विकास प्राधिकरण ,नंदकिशोर महामंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ ,सुनील यादव अध्यक्ष डिप्लोमा फार्मासिस्ट महासंघ, आशीष पांडे महामंत्री फेडरेशन ऑफ फॉरेस्ट आदि शामिल थे।
मोर्चा के महासचिव शशी कुमार मिश्र ने बताया कि बैठक में सभी वक्ताओं ने प्रदेश सरकार की कर्मचारी विरोधी रवैया की निंदा करते हुए कर्मचारियों एवं शिक्षकों से अपील की गई है की 27 नवंबर को मशाल जुलूस एवं 9 दिसंबर को पूर्णत: काम बंदी को सफल बना कर अपनी एकता का परिचय दें।
वी पी मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को पत्र भेजकर प्रयास किया गया परंतु वार्ता कर मांगों पर निर्णय नहीं किया गया कुछ संगठनों की बैठक हुई जो नकारात्मक रही, पुरानी पेंशन की बहाली, वेतन समिति की रिपोर्ट पर निर्णय एवं शासनादेश जारी करना, महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान, कैशलेस इलाज, स्थानीय निकायों, राजकीय निगमों, विकास प्राधिकरण में कैडर रिव्यू कर सातवें वेतन आयोग का लाभ देने, घाटे के नाम पर राजकीय निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ न देना तथा बकाया देयकों का भुगतान 31 दिसंबर 2001 तक के बचे हुए संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर निर्णय न होने से कर्मचारियों एवं शिक्षकों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है। बैठक में कहा गया कि इन मामलों पर निर्णय लेने का अभी भी समय है। अन्यथा इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में सत्ता दल को भुगतना पड़ेगा।
वी पी मिश्रा ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारी संगठनों के सचिवालय प्रवेश पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं विभागों से प्रस्ताव भी नहीं भेजे गए हैं। श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मोर्चा की मांगों पर तत्काल बैठक करके निर्णय करें अन्यथा प्रदेश के कर्मचारी काम बंद कर देंगे।