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कोविड काल में निभायी भूमिका ने एनेस्‍थीसियोलॉजिस्‍ट्स को दी विश्‍व में नयी पहचान

-डॉक्‍टर्स डे पर इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्‍थीसियोलॉजिस्‍ट्स (आईएसए) के लखनऊ चैप्‍टर ने की फ्रंटलाइनर्स की सराहना

डॉ तन्‍मय तिवारी

 

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्‍थीसियोलॉजिस्‍ट्स (आईएसए) के लखनऊ चैप्‍टर ने कहा है कि कोविड महामारी के पूर्व अनेस्थेसिया विशेषज्ञ या निश्चेतक को आम जन मानस केवल ऑपरेशन के दौरान बेहोश करने वाले डॉक्टर के रूप में जानता था, परंतु इस महामारी के समय पीपीई किट पहने अनेस्थेसिया विशेषज्ञ ने गहन संक्रमण के बीच जिस तरह आईसीयू में अपने कार्य को अंजाम दिया है उससे अनेस्थेसिया विशेषज्ञ  को अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका टाइम्‍स मैगज़ीन के कवर पेज पर प्रमुखता से दर्शाया गया और फ्रंटलाइन हीरोज़ के रूप में समाज ने नया नाम दिया गया। इन अभूतपूर्व कार्यों के लिए नेशनल डॉक्‍टर्स डे के मौके पर लखनऊ चैप्‍टर अपने साथियों की सराहना करता है।

यह विचार इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्‍थीसियोलॉजिस्‍ट्स के लखनऊ चैप्‍टर के सचिव डॉ तन्‍मय तिवारी ने व्‍यक्‍त करते हुए कहा है कि आई॰सी॰यू॰में क्रिटिकल एवं गंभीर मरीज़ों की देखभाल के दौरान इन्फ़ेक्शन का ख़तरा सामान्य मरीज़ों की तुलना में 13 गुना अधिक होता है और इस कारणवश आई॰सी॰यू॰ मैनेजमेंट में पारंगत अनेस्थेसिया विशेषज्ञ द्वारा विभिन्न आईसीयू में अनवरत सफलता पूर्वक बिना किसी डर के कार्य सम्पादित किया गया।

उन्‍होंने कहा कि देश में लॉक डाउन की दशा में भी इमरजेंसी सर्जरी जैसे सिज़ेरीयन, ट्रॉमा, ऑर्थोपेडिक्‍स सर्जरी, कैन्सर सर्जरी एवं न्‍यूरो ट्रॉमा सर्जरी इत्यादि जैसी प्राण रक्षक शल्य क्रिया को कोविड  और नॉन कोविड मरीज़ों में निश्चेतक विशेषज्ञों द्वारा सम्पन्न कराया गया जो कि‍ सराहनीय है।

उन्‍होंने कहा कि इस महामारी के दौरान अनेस्थेसिया विशेषज्ञ न केवल ऑपरेशन थि‍येटर में नज़र आए बल्कि आम जनता के मन में उत्पन्न विभिन्न सवालों के तर्क पूर्ण साइयंटिफ़िक जवाब देने में भी तत्पर दिखे। अनेस्थेसिया विशेषज्ञों द्वारा वृहद् स्तर पर सोशल मीडिया, वेबिनार, प्रिंट मीडिया, पोर्टल आदि पर टीचिंग और ट्रेनिंग प्रदान की जो की अत्यंत महत्वपूर्ण था ।

डॉ तिवारी ने कहा कि आईएसए,  लखनऊ डॉक्टर्स डे के मौके पर उन सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने इन विषम परिस्थितियों में कर्तव्य पालन करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

उन्‍होंने कहा कि आईएसए, लखनऊ, डाक्टर्स और अस्पतालों में हो रही हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए इसे रोकने के प्रभावी नियम एवं क़ानून की मांग करती है।

डॉ तिवारी ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए आईएसए लखनऊ चैप्टर अपने सभी प्रदेश वासी और लखनऊ वासियो से मास्क का हमेशा उपयोग, जल्द से जल्द वैक्सिनेशन, भीड़ में दो गज की दूरी का पालन और साफ़ सफ़ाई का पालन करने की प्रार्थना करती है।

उन्‍होंने कहा कि आईएसए लखनऊ अपने सभी अनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉक्टर की ओर से सभी को यह आश्वस्त करना चाहती है कि हम सभी डाक्टर्स समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।