-फार्मासिस्ट फेडरेशन की वर्चुअल बैठक में हुई अनेक बिंदुओं पर चर्चा
-ऐलोपैथी, आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक, वेटेनरी सबका सुर एक
-एसजीपीजीआई से लेकर पीएचसी तक के फार्मासिस्ट खोलेंगे मोर्चा
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विभिन्न विधाओं एवं संस्थानों के फार्मासिस्टों की समस्याओं को लेकर फार्मासिस्ट फेडरेशन की वर्चुअल बैठक में एकस्वर से फैसला लिया गया कि फाइलों में दबी हमारी मांगों को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है, लम्बे समय से लम्बित चल रही मांगों को पूरा न करके शासन द्वारा फार्मासिस्ट संवर्ग के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, इसलिए अब अपनी मांगों को लेकर व्यापक स्तर पर विरोध जताने का समय आ गया है।
फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक का संचालन महामंत्री अशोक कुमार ने किया, उन्होंने फेडरेशन की कार्य रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए शासन द्वारा फार्मेसिस्ट संवर्ग के साथ सौतेला रवैया अपनाने का आरोप लगाया। बैठक में प्रमुख रूप से रिक्त पदों पर नियुक्ति, पदोन्नति, वेतन विसंगति, एसीपी, पदों का सृजन सहित अनेक समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस बारे में जानकारी देते हुए अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि जल्द ही निदेशालय स्तर की समस्याओं को लेकर निदेशालय के अधिकारियों का घेराव किया जाएगा जिसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद भी सम्मिलित रहेगा। फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने सभी संघों और संस्थानों की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है।
बैठक को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा, संयोजक एवं फीपो के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक, उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने संबोधित कर आवश्यक सांगठनिक दिशानिर्देश दिए।
बैठक में एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, वेटेनरी के साथ सभी विशिष्ट संस्थानों के फार्मेसिस्ट संघों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की और अपने संस्थानों में फार्मासिस्ट की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संदीप बडोला ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों और फार्मेसिस्टों के अनुपात में बहुत अंतर है। कार्य एवं आवश्यकता को देखते हुए फार्मेसिस्टो की संख्या में वृद्धि आवश्यक है। पदोन्नति के पद रिक्त पड़े हुए हैं, विशेष कार्य अधिकारी फार्मेसी और संयुक्त निदेशक फार्मेसी का पद विगत कई वर्षों से खाली पड़ा हुआ है, वहीं फार्मेसी अधिकारी पद नाम परिवर्तन, प्रिस्क्रिप्शन अधिकार का मुद्दा फाइलों में लटका हुआ है।
आयुर्वेद एवं यूनानी फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष विद्याधर पाठक एवं महामंत्री आनंद सिंह ने रिक्त पदों पर नियुक्ति, पदोन्नति के पदों का सृजन और एसीपी न मिलने की समस्या बताई। आयुष संविदा फार्मेसिस्ट संघ के अध्यक्ष अम्मार जाफरी ने एनएचएम में वेतन विसंगति का प्रकरण हल न किए जाने पर अपना रोष व्यक्त किया। वेटेनरी फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष पंकज शर्मा एवं महामंत्री शारिक हसन ने सेवा नियमावली के प्रख्यापन ना होने से नियुक्ति प्रक्रिया एवं पदोन्नतिया बाधित होने का प्रकरण मुख्य रूप से रखा, उन्होंने कहा कि 2000 से नियुक्तियां नहीं हुई हैं और 1-1 फार्मेसिस्ट के पास चार से पांच अस्पतालों के चार्ज हैं। होम्योपैथ फार्मेसिस्ट संघ के महामंत्री शिव प्रसाद ने बताया कि संवर्ग में चीफ फार्मेसिस्ट के पद सृजन की फाइल शासन में बार-बार लंबित हो रही है, वहीं पंजीकरण का मामला भी शासनादेश के बावजूद लंबित पड़ा हुआ है। कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष उदयराज सिंह ने कहा कि कर्मचारी बीमा चिकित्सालय को स्टेट सोसाइटी बनाकर चलाये जाने का प्रस्ताव कर्मचारी हित में नहीं है, वहीं शासन की सहमति के बावजूद अभी तक चीफ फार्मेसिस्ट का पद राजपत्रित घोषित नहीं किया गया। कारागार संघ के अध्यक्ष आनंद मोहन मिश्रा ने बताया कि अभी तक कारागार में उच्च पदों का सृजन नहीं हो सका है, वर्तमान में लगभग 60 पद खाली चल रहे हैं, जिनके लिए अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में अधियाचन जा चुका है, कार्य की अधिकता है परन्तु कार्य के अनुसार पदोन्नति एवं अन्य सम्मान नहीं मिल पा रहा है। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान से फेडरेशन के उपाध्यक्ष अशोक उमराव ने कहा कि संस्थान में कार्यरत संविदा के फार्मेसिस्ट का वेतन बहुत ही कम है, समान कार्य के अनुसार वेतन निर्धारण किया जाना चाहिए। एसजीपीजीआई फार्मेसिस्ट संघ से फेडरेशन के उपाध्यक्ष दिनेश चंद्र ने बताया कि एम्स की समानता के बावजूद पीजीआई में अधिकांश पद रिक्त पड़े हुए हैं, साथ ही वेतन विसंगति का प्रकरण अभी तक अनिर्णीत है। संविदा एवं आउटसोर्सिंग के माध्यम से संस्थान की फार्मेसी संचालित हो रही है लेकिन उन्हें सम्मानजनक वेतन नहीं मिल रहा है। समाज कल्याण विभाग फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष ए आर कौशल ने भी विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्तियां एवं पदोन्नति के पदों का सृजन ना होने पर दुख व्यक्त किया। सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष राजीव यादव, केजीएमयू में फेडरेशन के उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने भी पदोन्नति के पदों का मामला उठाया।
ईएसआई के फार्मेसिस्ट वसंत कुमार ने एकेटीयू द्वारा प्रदेश के फार्मेसी संस्थानों में बी फार्म प्रैक्टिस (ब्रिज कोर्स) शुरू करने का अनुरोध किया जिससे ज्यादा से ज्यादा डिप्लोमा फार्मेसिस्ट उच्च डिग्री प्राप्त कर सकें। बैठक को उपाध्यक्ष प्रवीण यादव, विक्रमा यादव, जोनल कोऑर्डिनेटर प्रवेश कुमार सिंह, उमेश त्यागी, कोषाध्यक्ष सत्य प्रकाश ने भी सम्बोधित किया।