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महानिदेशक डॉ डीएस नेगी ने एनेस्थेटिस्‍ट बन कर दूसरे चिकित्‍सकों को दिया संदेश

-सिविल अस्‍पताल में जांघ की सर्जरी में बेहोशी के डॉक्‍टर की भूमिका अदा की

-प्रशासनिक पद वाले चिकित्‍सकों को अपने जनपद में मरीजों के उपचार का भी निर्देश

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। जिस तरह से युद्ध की स्थिति में पहल करते हुए सेना के अधिकारी स्‍वयं आगे रहकर अपने नेतृत्‍व में मोर्चा सम्‍भालते हैं, कुछ उसी अंदाज में सेना की पृष्‍ठभूमि वाले रिटायर्ड मेजर उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ डीएस नेगी ने अपनी चिकित्‍सीय विशेषता निश्‍चेतना में उपचार करने के लिए ऐनेस्थेटिस्‍ट के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए प्रशासनिक पदों पर तैनात अन्‍य चिकित्‍सकों को उपचार के लिए आगे आने को प्रेरित किया।

ज्ञात हो कोविड-19 का संक्रमण कम होने के बाद विभाग ज्यादा से ज्यादा नॉन कोविड रोगियों का उपचार करवाने के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में आज 12 जून को महानिदेशक डॉ नेगी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में बाराबंकी निवासी मरीज सूरज कुमार की बायीं जांघ की हड्डी (फीमर) की सर्जरी में निश्चेतक की भूमिका में अपना योगदान दिया।

यह सर्जरी सिविल अस्पताल के डॉ आरके सिंह व उनकी टीम ने की, सर्जरी डेढ़ घंटे चली। महानिदेशक डॉ नेगी द्वारा अपने विभाग में कार्यरत सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह भी अपने जनपद में किसी भी सरकारी अस्पताल में अपनी विधा (विशेषज्ञता मेडिसिन या सर्जरी) के अनुसार रोगियों का उपचार करें।