-2010 में ‘गुर्दे की पथरी’ से शुरू हुई पुस्तक लेखन यात्रा अनवरत जारी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ।किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर, निदेशक, स्किल इंस्टीट्यूट व डीन पैरामेडिकल डॉ विनोद जैन को उनके चिकित्सा के क्षेत्र में हिन्दी में लेखन के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा विज्ञान भूषण सम्मान देने की घोषणा की गयी है। सम्मान के तहत डॉ जैन को दो लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और मेडल मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया जाता है।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा आज 26 फरवरी को जारी प्रेस विज्ञप्ति में वर्ष 2019 के लिए सम्मानों की घोषणा की गयी है। विभिन्न कैटेगरी में घोषित किये गये पुरस्कारों में डॉ विनोद जैन को मेडिकल साहित्य को लिखने का उच्चतम पुरस्कार विज्ञान भूषण देने की घोषणा की गयी है। आपको बता दें डॉ विनोद वर्ष ने 2010 से हिन्दी में लेखन प्रारम्भ किया था, डॉ जैन ने चिकित्सीय क्षेत्र में पहली पुस्तक गुर्दे की पथरी लिखकर अपनी पुस्तक लेखन की यात्रा की शुरुआत की थी जो अभी जारी है, उनकी अंतिम पुस्तक पिछले वर्ष ट्रॉमा : बचाव, उपचार और प्रबंधन का प्रकाशन उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने किया था।
ज्ञात हो इस पुस्तक को हिन्दी में लिखने के बारे में डॉ जैन का कहना था कि इसे हिन्दी में लिखने का उद्देश्य ‘मेरा सपना, ट्रॉमा मुक्त हो भारत अपना’ के लक्ष्य को लेकर प्रत्येक व्यक्ति तक बोलचाल की भाषा में अपनी बात पहुंचाना है।
डॉ जैन ने 11 वर्षों की हिन्दी लेखन की इस यात्रा में करीब एक दर्जन पुस्तकें एक के बाद एक आती गयीं, पिछले 11 वर्षों से लेखन कर रहे डॉ जैन को मिले इस सम्मान के लिए उनको अनेक लोगों ने बधाइयां दी हैं।
ज्ञात हो विज्ञान क्षेत्र का यह पुरस्कार लगातार हिन्दी के क्षेत्र में किये जाने वाले योगदान को देखकर दिया जाता है। इसमें देश भर से नामांकन आमंत्रित किये जाते हैं, तथा हिन्दी के लिए योगदान को देखकर पुरस्कार के लिए लेखक का चयन किया जाता है।