-सरकारी, ट्रस्ट व कॉरपोरेट सेक्टर के अस्पतालों के विशेषज्ञों की समिति गठित
-तीन सदस्यीय समिति के चेयरमैन हैं उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ टी प्रभाकर
-हाल में हुई मारपीट की घटनाओं के बाद अब दो पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे इमरजेंसी में
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। आये दिन हो रहीं मारपीट और मरीज को सही इलाज न मिलने की घटनाओं के बाद डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निदेशक डॉ एके सिंह ने बड़ा कदम उठाते हुए इमरजेंसी में किये जाने वाले सुधार के बारे में सुझाव देने के लिए एक कमेटी गठित की है। सैफई स्थित उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के कुलपति रहे चुके वर्तमान में विवेकानंद हॉस्पिटल में कार्यरत एनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ टी प्रभाकर की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी की खास बात यह है कि इसमें शामिल सदस्य सरकारी, कॉरपोरेट और ट्रस्ट द्वारा चलाये जाने वाले अस्पतालों से जुड़े विशेषज्ञ हैं। आपको बता दें कि डॉ टी प्रभाकर इंडियन आर्म्स फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज से उप महानिदेशक पद से रिटायर हुए थे।
इस बारे में संस्थान के निदेशक डॉ एके सिंह ने बताया कि इमरजेंसी में होने वाली घटनायें निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण हैं, इमरजेंसी में मरीज के इलाज में दिक्कत न हो साथ ही हमारे चिकित्सक और अन्य स्टाफ को भी सुरक्षा मिले इसके लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में दो पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गयी है। इसके साथ ही इमरजेंसी की व्यवस्था को किस तरह से बेहतर से बेहतर बनाया जा सके इसके लिए सुझाव देने के लिए डॉ टी प्रभाकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है। टीम के अन्य दो सदस्यों में एक कॉरपोरेट हॉस्पिटल से तथा एक किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय से नामित विशेषज्ञ को रखा गया है।
इस बारे में डॉ सिंह ने कहा कि फिलहाल अस्पताल की इमरजेंसी के लिए डॉ विकास सिंह को प्रभारी बनाया गया है। कमेटी द्वारा जिस प्रकार के सुझाव दिये जायेंगे उसके अनुसार व्यवस्था में और सुधार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसीलिए कमेटी में ऐसे विशेषज्ञों को रखा गया है जो सरकारी, ट्रस्ट और कॉरपोरेट सेक्टर के अस्पतालों से जुड़े हैं। पता चला है कि नवगठित कमेटी ने अपने कार्य की शुरुआत करते हुए आज इमरजेंसी विंग का दौरा कर कुछ जानकारियां भी हासिल कीं।