-समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के सभी एवं ‘ग’ एवं ‘घ’ के 50 फीसदी कार्मिकों की कार्यालय में उपस्थिति जरूरी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कोरोना से कराह रहे उत्तर प्रदेश में संक्रमण पर लगाम लगाये जाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव ने सरकारी कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग का आकलन अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, कार्यालयाध्यक्षों को अपने स्तर से करने के निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव ने आज 2 सितंबर को जारी आदेश में कहा है कि समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के कर्मचारियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति करने तथा शेष कर्मचारियों को विभागीय मंत्री से अनुमति प्राप्त करते हुए रोस्टर के हिसाब से वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिये हैं। समूह ‘क’ एवं समूह ‘ख’ के सभी अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा यदि किसी आकस्मिता के कारण कोई कर्मी जिसका कार्यालय पर आना संभव न हो या वह अवकाश के लिए आवेदन पत्र देता है तो उसका अवकाश स्वीकृत करते समय प्रतिस्थानी या वर्क फ्रॉम होम अनुमन्य किसी समकक्ष कर्मी को कार्य के लिए निर्देशित किया जाए जिससे स्वीकृत पदों के सापेक्ष 50% उपस्थिति सुनिश्चित हो।
मुख्य सचिव ने कहा है कि रोस्टर के अनुसार घर से कार्य संपादित कर रहे कार्मिक उस अवधि में अपने मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से कार्यालय के संपर्क में रहेंगे तथा यदि आवश्यकता हुई तो उन्हें कार्यालय बुलाया जा सकेगा। आदेश में कहा गया है कि यह आदेश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे जो ऐसी आकस्मिक एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं तथा कोविड-19 की रोकथाम में प्रत्यक्ष भूमिका अदा कर रहे हैं।
आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक ऑफिस में कोरोना हेल्प डेस्क स्थापित की जाए जो कोरोना से बचाव की आवश्यक जानकारी दे सके। इसके साथ ही कार्यालय आने वाले कार्मिकों की थर्मल स्कैनर से स्कैनिंग अवश्य की जाए तथा सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी जाए। आदेशों में यह भी कहा गया है कि कार्यालय आने वाले कर्मचारियों को समयशीलता का पालन करना होगा।
आदेश में कार्यालयों के विसंक्रमण के निर्देश भी दिये गये हैं जिससे कोरोना का प्रसार न हो। इसके साथ ही किसी कार्यालय में यदि कोरोना संक्रमण के मामले पाए जाते हैं तो उस कार्यालय का भी संक्रमण जल्दी (24 घंटे के अंदर) कराया जाए जिससे कार्यालय लम्बे समय तक बंद न रहे तथा जन सामान्य को कोई असुविधा न हो। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क के उपयोग का पालन अवश्य सुनिश्चित किया जाए।