-उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन की मांग, आरडीए ने निकाला कैंडल मार्च
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉ मनमोहन सिंह का सत्याग्रह रविवार को भी जारी रहा। उन्हें आज भी उल्टियां हुई हैं, धीरे-धीरे हालत गिर रही है। सुबह निदेशक से वार्ता के दौरान पीडि़त डॉ मनमोहन ने उन्हें फेल किए जाने के प्रकरण की जांच के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष की निष्पक्षता पर अपनी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मेरे साथ जो हुआ है वह परम्परा बन चुका है, उनके प्रकरण की जांच के लिए कमेटी का जिन्हें अध्यक्ष बनाया गया है, उनके विभाग में तो लगातार छात्रों को फेल किया जाता रहा है, इसलिए मैं नहीं समझता हूं कि वह निष्पक्ष जांच कर पायेंगे, उन्होंने उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन की मांग दोहरायी है। इस बीच संस्थान की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) ने डॉ मनमोहन की मांगों से सहमति जताते हुए एसोसिएशन की ओर से गांधीवादी तरीके से आंदोलन किए जाने का एलान किया। एसोसिएशन ने आज इस संबंध में संस्थान के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए एक कैंडल मार्च भी निकाला।
आपको बता दें डॉ मनमोहन सिंह, जो न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग से एमडी कर रहे हैं, का आरोप है कि उनके अंतिम वर्ष की थ्योरी परीक्षा में जानबूझकर फेल कर दिया गया है। डॉ मनमोहन ने अपनी उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन की मांग के साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग की है। बताया जाता है कि आज सुबह जब संस्थान के निदेशक डॉ आरके धीमान ने सत्याग्रह पर बैठे डॉ मनमोहन से उनके प्रकरण पर बात की और बताया कि इसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है इस पर डॉ मनमोहन ने अपनी असंतुष्टि जाहिर करते हुए निदेशक को अवगत कराया कि गठित कमेटी के अध्यक्ष डॉ अनिल अग्रवाल के स्वयं के एनेस्थीसिया विभाग में पिछले 3 सालों से प्रतिवर्ष छात्रों को अनुत्तीर्ण किए जाने की परंपरा चल रही है, यही नहीं इस साल तो 2 छात्रों को एनेस्थीसिया विभाग में परीक्षा में बैठने तक नहीं दिया गया है। उन्होंने निदेशक से आग्रह किया कि उनकी उत्तर पुस्तिका निदेशक तत्काल अपने कब्जे में लेकर उसका पुनर्मूल्यांकन करायें।
डॉ मनमोहन की इस मांग का समर्थन करते हुए आरडीए अध्यक्ष डॉ आकाश अग्रवाल ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के साथ जो हुआ है वह चूंकि एक परंपरा सा बन चुका है, इसलिए जरूरी है कि कमेटी द्वारा ऐसे दूरगामी सुझाव दिए जाने चाहिए जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो तथा एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाए जो सभी छात्रों को समस्याओं के निराकरण के लिए एक मंच मिल सके। शाम को रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आरडीए के महासचिव डॉ अनिल गंगवार के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकाला गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। डॉ अनिल गंगवार ने वर्तमान स्थिति पर रोष जाहिर करते हुए कहा कि यदि जल्द ही डॉ मनमोहन की न्यायोचित मांगें नहीं मानी जाती हैं तो आंदोलन गांधीवादी तरीकों से के माध्यम से और गति पकड़ेगा। डॉ मनमोहन का सत्याग्रह अभी जारी रहेगा।