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दीया-मोमबत्‍ती जलाते समय हाथ जलने का डर न पालें, मौजूद है विकल्‍प भी

-5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे 9 मिनट तक घर के दरवाजे या बालकॅनी पर रोशनी की अपील की है प्रधानमंत्री ने

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को समाप्‍त करने के लिए देश में इस समय चल रहे लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा टेलीविजन पर दिये गये वीडियो संदेश में सभी भारतवासियों से रविवार 5 अप्रैल को रात्रि 9:00 बजे 9 मिनट तक दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या फिर मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने की अपील की  गयी है। इसके बाद शुक्रवार से ही एक मैसेज वायरल हो रहा है की दीया, मोमबत्ती जलाते समय यह ध्यान रखें कि आपके हाथों में सैनिटाइजर ना लगा हो, अन्यथा हाथ जलने की संभावना है। इसकी पुष्टि चिकित्‍सकों ने भी की है लेकिन साथ ही इस स्थिति से बचते हुए अपील का पालन करने की सलाह भी दी है।

उत्तर प्रदेश प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ आरबी अग्रवाल ने इस मैसेज में लिखी बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह अति संवेदनशील मामला है और जानकारी के अभाव में अल्कोहल ज्वलनशील तरल पदार्थ शुष्क होने के बाद हाथों पर रह जाएगा जिससे मोमबत्ती दीया जलाते समय यह हाथों को झुलसा सकता है। यही कहना रेजीडेंट्स डॉक्‍टर्स एसोसिएशन के अध्‍यक्ष डॉ राहुल भारत का भी है।

जबकि इस स्थिति से बचने के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ शीतल वर्मा ने कहा है की जो लोग नियमित रूप से सैनिटाइजर यूज कर रहे तो उनके पास मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने का विकल्प मौजूद है, इसलिए यदि हाथों में सैनिटाइजर है तो आप टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रधानमंत्री की अपील पर अमल कर सकते हैं। डॉ शीतल का कहना है कि खुद प्रधानमंत्री ने भी रोशनी करने की अपनी अपील में मोबाइल और टॉर्च की लाइट का विकल्प भी दिया है, इसलिए नियमित रूप से सैनिटाइजर यूज करने वाले बिना कोई खतरा मोल लिए टॉर्च या मोबाइल का विकल्प चुन सकते हैं।