-डायलिसिस करा रहे गुर्दा रोगियों संग अजंता अस्पताल में मनाया गया विश्व गुर्दा दिवस
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। यहां आलमबाग स्थित अजन्ता हॉस्पिटल में गुरुवार 12 मार्च को विश्व गुर्दा दिवस एक अलग ही अंदाज में मनाया गया। समारोह में शामिल करीब 100 मरीजों के बीच जागरूकता कार्यक्रम हुआ, इसमें अस्पताल की गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ कविता विश्वकर्मा ने जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयी नयी-नयी जानकारियों के बारे में मरीजों को बताया वहीं उन्होंने रोगी के खाने-पीने से सम्बन्धित वस्तुओं को लेकर मरीजों से ही प्रश्न पूछे, जिनका सही उत्तर भी मरीजों के बीच से प्राप्त हुआ। समारोह का मंच चिकित्सकों के साथ ही डायलिसिस यूनिट में कार्य करने वाले टेक्नीशियंस तथा मरीजों के लिए भी ओपन रहा, इन सभी ने अपनी बात उपस्थित लोगों के बीच रखी।
अस्पताल के लीला ऑडिटोरियम में समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, दीप प्रज्ज्वलन में वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही मरीजों को भी शामिल किया गया। इसके पश्चात अस्पताल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ अनिल खन्ना ने अपने सम्बोधन में आये हुए मरीजों व अन्य लोगों का स्वागत करते हुए मरीजों के इलाज के प्रति अस्पताल की प्रतिबद्धता दोहरायी, उन्होंने बताया कि अच्छी से अच्छी गुणवत्ता वाला इलाज कम से कम व्यय में देना अस्पताल की प्राथमिकता है, जिससे इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। उन्होंने मौजूद किडनी मरीजों को आश्वस्त किया कि उन्हें अच्छी से अच्छी पर्सनल केयर मिले, इसे ही बनाये रखने की हमारी कोशिश रहती है। अस्पताल की निदेशक एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ गीता खन्ना ने अपने सम्बोधन में किडनी मरीज और डॉक्टर के बीच अच्छा सम्पर्क रखे जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मरीज अपनी बात अपने चिकित्सक से जरूर साझा करें, ऐसा करने से ही उनकी समस्याओं का हल हो सकेगा।
समारोह में गुर्दा रोग पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान अस्पताल की गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ कविता विश्वकर्मा ने प्रस्तुत किया। प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत व्याख्यान में उन्होंने कुछ प्रश्न भी रखे जिनका जवाब मरीजों के बीच से ही मांगा, इस पर मरीजों के बीच से सही जवाब भी मिले, सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत भी किया गया। डॉ कविता ने अपने व्याख्यान में खानपान को लेकर खास जानकारी देते हुए कहा कि डायलिसिस के दौरान ज्यादा प्रोटीन लेना चाहिये, लेकिन ज्यादा पोटेशियम का सेवन न करें, इसके लिए जूस, सूप, फल, सूखी मेवा, हरी पत्तेदार सब्जियां जब भी खायें तो उन्हें दस मिनट के लिए गर्म पानी में छोड़ दें जिससे उनका पोटेशियम निकल जाये, आलू खाना है तो उबाल कर खायें, उन्होंने कहा कि क्योंकि पोटेशियम अगर बढ़ेगा तो इसका असर हार्ट पर आता है।
डॉ कविता ने मरीजों को थकान को गंभीरता से लेने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के किडनी मरीजों को दवा नहीं लेनी चाहिए। उचित खानपान और रेगुलर चेकअप करवाना चाहिए। डायलिसिस यूनिट नेफ्रोपल्स ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। नेफ्रोपल्स ने मरीजो को उपहार भी दिए। डायलिसिस यूनिट के टेक्नीशियंस ने भी अपने अनुभव साझा किये।
इसके अतिरिक्त अस्पताल में लम्बे समय से डायलिसिस करा रहे कुछ रोगियों ने भी अस्पताल के बारे में अपने अनुभव बताये। एक युवती ने बताया कि चार साल से वह डायलिसिस करा रही है, उसने कहा कि अजंता हॉस्पिटल में उसे बहुत सपोर्ट मिला है, एक अन्य मरीज ने बताया कि वह नियमित डायलिसिस कराते रहते हैं, तथा खास बात यह है कि वह बाइक भी चलाते हैं। इसी प्रकार एक बुजुर्ग मरीज ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ के व्यवहार की तारीफ करते हुए अपनी बातें शेरो-शायरी के जरिये साझा कीं।