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कुलपति की विद्यार्थियों को सीख : बड़ों की बात भी तर्क की कसौटी पर परखने के बाद ही मानें

-सीएए के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए केजीएमयू में आयोजित की गयी भाषण प्रतियोगिता

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने विद्यार्थियों से कहा कि कोई भी बात पुस्‍तक में‍ लिखी है या बड़े कह रहे हैं इसलिए मान ली जाये यह सही नहीं है, उसे तर्क और कसौटियों पर परखने के बाद ही मानने या न मानने का निर्णय लेना चाहिये।

कुलपति ने यह बात आज सोमवार को केजीएमयू के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज द्वारा कलाम सेंटर में भारत सरकार द्वारा हाल ही में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सी0ए0ए0) के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से आयोजित की गयी एक भाषण प्रतियोगिता के दौरान अपने सम्‍बोधन में कही। इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं ने बड़ी निपुणता एवं बेबाकी के साथ इस अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए।

प्रो भट्ट ने इस अवसर पर कुलपति ने इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए चिकित्सा विश्वविद्यालय में इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन पर अधिष्ठाता, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज डॉ विनोद जैन की प्रशंसा की और कहा कि आज के कार्यक्रम में युवा छात्र-छात्राओं की प्रतिभा देख कर उन्हें पूर्ण विश्वास है कि राष्ट्र का भविष्य आज की युवा पीढ़ी के हाथ में सुरक्षित है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी पुस्तक या अपने से बड़ों द्वारा बताई गई किसी भी बात का अनुपालन आंख बंद करके नहीं करना चाहिए बल्कि उसे तर्क और कसौटियों में परखने के बाद ही उसका अनुपालन करना चाहिए।

प्रतियोगिता में कुल 21 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में डी0आर0टी0 की छात्रा साधना यादव ने प्रथम पुरस्कार, डी0डी0टी0 के छात्र आशीष नायक एवं डी0इ0टी0सी0टी0 के छात्र कमाल अहमद ने संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार तथा डी0एम0एल0टी0 के छात्र आशीष चतुर्वेदी एवं डी0ओ0टी0टी0 के छात्र राज कुमार यादव ने संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार जीता।

प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट द्वारा प्रथम स्थान पर रहने वाले विद्यार्थी को 5 हजार रुपए, द्वितीय स्थान पर रहने वाले विद्यार्थी को 3 हजार तथा तृतीय स्थान पर रहने वाले विद्यार्थी को 2 हजार रुपए का नकद पुरस्कार व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले प्रथम दस छात्र-छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार के रूप में एक-एक हजार रुपए का नकद पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 जी0पी0सिंह ने कहा कि आज नागरिकता संशोधन अधिनियम की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है लेकिन आज के आयोजन में सभी विद्यार्थियों ने इस अधिनियम के बारे में फैली भ्रांतियां दूर करने का सफल प्रयास किया है और विद्यार्थियों की यह प्रतिभा अचंभित करने वाली थी।

इस अवसर पर अधिष्ठाता, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज डॉ विनोद जैन ने भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में छात्र-छात्राओं व अन्य लोगों को जागरूक किया और अधिनियम के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि हमें सामाजिक समरसता के लिए धर्म, जाति, भाषा एवं सामाजिक भेदभाव नहीं करना चाहिए तथा नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रति जानकारी न केवल स्वयं तक सीमित रखें बल्कि अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें जिससे इसके प्रति समाज में कोई भ्रांति न फैले।

इस अवसर पर मुख्य रूप से ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ0 तूलिका चन्द्रा, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो0 नरसिंह वर्मा, विभागाध्यक्ष ट्रॉमा सर्जरी विभाग डॉ संदीप तिवारी, सह-अधिष्ठाता, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज डॉ अनित परिहार, सह-अधिष्ठाता, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज डॉ गीतिका नंदा सिंह उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन दुर्गा गिरि ने किया तथा शालिनी गुप्ता एवं बीनू दुबे ने विशेष सहयोग दिया।